देवरिया कांड पर इलहाबाद हाईकोर्ट सख्त, पूछा इसके पीछे नेताओं और बड़े लोगों का हाथ तो नहीं?

By Team Mynation  |  First Published Aug 9, 2018, 11:41 AM IST

हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और पुलिस अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर हैरानी भी जताई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि कहीं इस सेक्स रैकेट के पीछे राजनेता और वीआईपी लोग तो नहीं है।

देवरिया के शेल्टर होम में हुए कथित यौन शोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष भी इस मामले को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तो उधर इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी गहरी नाराजगी जताते हुए जांच की मानिटरिंग खुद करने का फैसला किया है। 

हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और पुलिस अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर हैरानी भी जताई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि कहीं इस सेक्स रैकेट के पीछे राजनेता और वीआईपी लोग तो नहीं है। 

अदालत ने यूपी सरकार से पूछा है कि इस केस को सीबीआई ने अभी अपने यहां दर्ज कर तफ्तीश शुरू की है या नहीं और क्या सीबीआई जांच करने को तैयार है। अदालत ने सरकार से यह भी पूछा है कि रेस्क्यू कर छुड़ाई गई चौबीस लड़कियों को अब कहां रखा गया है और उनकी सुरक्षा के क्या इंतजाम किये गए हैं। जो लडकियां गायब हैं, उनका पता लगाने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं।

अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एडीजी ने चार दिनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो अदालत तेरह अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में यह ज़िम्मेदारी किसी एसआईटी को दे सकती है।

अदालत ने एडीजी और जांच एजेंसी से शेल्टर होम में आने वाली गाड़ियों और व्यक्तियों का ब्यौरा भी मांगा है। अदालत ने यह भी पूछा है कि अगर संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था तो पुलिस इस संस्था के शेल्टर होम में पीड़ित महिलाओं को रहने के लिए क्यों भेजती थी।


अदालत इस मामले में सुनवाई 13 अगस्त को करेगी उस दिन अदालत ने मामले की जांच से जुड़े सभी अफसरों को भी अगली सुनवाई पर कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है। अदालत ने जांच एजेंसियों को सुनवाई के दौरान प्राइमरी रिपोर्ट भी पेश करने के आदेश दिए हैं।

उधर कोर्ट की फटकार के बाद देवरिया में डीएम और एसपी नें एक साझा प्रेस कान्फेंस की जिसमें डीएम नें कहा कि मां विन्ध्यवासिनी बाल संस्थान से मुक्त कराए लड़कियों में 10 से 12 साल के की दो बच्चियां है। जबकी 13 से 15 साल के के उम्र की 8 और 16 से 18 साल की 11 बच्चियां और 18 साल से उपर की 15 लड़किया थी। 

इनमें से 23 बच्चियों को पुलिस की देखरेख में बाल सदन रखा गया हैं। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक बताया कि 13 लड़कियों को  संचालिका ने पहले ही उनके अभिभावकों को सोप दिया था। शेल्टर होम से 7 बच्चे अभी भी लापता है जिनका पता लगाया जा रहा है। 


 

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