सपा-बसपा के गठबंधन पर मुलायम के समधी का बड़ा बयान

By Team MyNation  |  First Published Jan 14, 2019, 12:47 PM IST

सिरसागंज से सपा विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने कहा कि फिरोजाबाद में एसपी-बीएसपी का गठबंधन नहीं चलेगा। 

उत्तर प्रदेश में भाजपा का विजयरथ रोकने के लिए दो धुरविरोधी दलों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर लिया। दोनों दलों के अध्यक्षों अखिलेश यादव और मायावती ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर इसका ऐलान भी किया लेकिन अब सपा के अंदर से इस गठबंधन के खिलाफ आवाज उठने लगी है। पार्टी के नेताओं ने बसपा से हुए गठबंधन पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। 

फिरोजाबाद के सिरसागंज से सपा विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने गठबंधन पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद में एसपी-बीएसपी का गठबंधन नहीं चलेगा। उन्होंने कहा, यहां ये गठबंधन तभी तक चल सकता है, जब तक हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष 'बहनजी' की 'हां' में 'हां' मिलाते रहेंगे और घुटने टेकते रहेंगे।

SP MLA Hariom Yadav on SP-BSP alliance, yesterday: SP-BSP alliance will not work in Firozabad. It won't be successful here. Yeh gathbandhan tabhi tak chal sakta hai jab tak humare rashtriya adhyakshji Behenji ki haan mein haan milate rahenge aur ghutne tekte rahenge. pic.twitter.com/cvLLfagJcC

— ANI UP (@ANINewsUP)

सपा के बागी विधायक और पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन करने वाले यूपी के दिग्गज नेता शिवपाल यादव ने दो दिन पहले बने सपा और बसपा के गठबंधन को 'ठगबंधन' कहा है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने यह गठबंधन पैसों के लिए किया है। पहले सपा मायावती पर पैसे के लेने-देने के लिए आरोप लगाती थी लेकिन अब उसी के साथ गठबंधन कर लिया है। दोनों दलों के बीच यह ‘ठगबंधन’ है।

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शिवपाल ने लखनऊ में कहा, ये मौकापरस्ती है। जिस बसपा के खिलाफ सपा ने चुनाव लड़े, अब वह एक हो गए। उन्होंने कहा कि जिस मायावती पर सपा टिकट के लिए पैसे लेने का आरोप लगाती थी, अब सपा उसी के साथ गठबंधन कर रही है। इसे गठबंधन की जगह 'ठगबंधन' कहना सही होगा। शिवपाल ने कहा कि वर्ष 1993 में जब सपा-बसपा का गठबंधन हुआ था, उस वक्त दोनों ही पार्टियों पर कोई आरोप नहीं था और ना ही सीबीआई का कोई डर था। 

80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में दोनों दल 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली की सीटें छोड़ी गई हैं जबकि दो सीटें छोटे दलों के लिए आरक्षित की गई हैं। माना जा रहा है कि दो सीटें निषाद पार्टी और पीस पार्टी के लिए छोड़ी गई हैं।

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