अमेठी को डर कहीं कांग्रेस फिर वोट खरीदने के लिए सतीश शर्मा को न भेज दे

By Siddhartha Rai  |  First Published Apr 15, 2019, 5:13 PM IST

‘माय नेशन’ की ग्राउंड रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में अमेठी के लोग भी मानते हैं कि कैप्टन सतीश शर्मा के यहां आने से चुनावी मौसम में फिर ‘वोट के लिए नोट’ का खेल शुरू हो जाएगा। 

गांधी परिवार के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी को 2019 के चुनाव में बचाए रखने के लिए कांग्रेस कैप्टन सतीश शर्मा को वहां भेजने की तैयारी में है। यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से कड़ी चुनौती मिल रही है। गांधी परिवार के लंबे समय से वफादार रहे सतीश शर्मा के अमेठी आने की अटकलों के बाद स्थानीय लोग कई तरह की आशंकाएं जता रहे हैं। 

‘माय नेशन’ की ग्राउंड रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में अमेठी के लोग भी मानते हैं कि कैप्टन सतीश शर्मा के यहां आने से चुनावी मौसम में फिर ‘वोट के लिए नोट’ का खेल शुरू हो जाएगा। ‘माय नेशन’ ने कुछ महीने पहले अमेठी की जमीनी हकीकत का जायजा लिया था। इस दौरान अमेठी के सभी वर्गों के कई वोटरों ने इस तरह के आरोप लगाए थे। उनका दावा था कि इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस हर चुनाव में वोटों को खरीदने की कोशिश करती रही है। 

"

गौरीगंज के अमरनाथ गुप्ता ने आरोप लगाया कि कैप्टन शर्मा जमीनी दखल रखने वालों लोगों की मदद से वोटरों को पैसे और तोहफे देकर उनका वोट खरीदने के लिए कुख्यात रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अब अमेठी को लोग पढ़े-लिखे और जागरुक हैं। अब शर्मा की नोट फॉर वोट पॉलिटिक्स से भी कांग्रेस का भला नहीं होने वाला। हम उसी व्यक्ति को वोट करेंगे जो सही ढंग से हमारी परेशानियों को उठाएगा।’

अमेठी लोकसभा सीट के तहत आने वाली तिलोई विधानसभा की एक सामाजिक कार्यकर्ता शबिष्टा ब्रिजेश के मुताबिक, अमेठी को एक बार फिर गांधी परिवार की झोली में डालने के लिए शर्मा की एंट्री से साफ हो गया है कि कांग्रेस कमजोर पड़ रही है। ‘शर्मा ने भी अमेठी का प्रतिनिधित्व किया है। वह राजीव गांधी के नाम पर वोट मांगते रहे हैं। अब स्थिति यहां तक बिगड़ गई है कि गांधी परिवार को वोटों के लिए शर्मा को मैदान में उतारना पड़ रहा है। राजनीति में शर्मा की महारत पैसे और वोट खरीदने में रही है।’

सलोन के राघवेंद्र सिंह का कहना है कि ‘अमेठी की राजनीति के लिए शर्मा नए नहीं हैं। वह पहले भी अपना लक आजमा चुके हैं। उनकी राजनीति पैसे और वोटों को खरीदने-बेचने तक सीमित रही है।’ सलोन के ही राम बरन रावत के मुताबिक, ‘वोटरों के बीच बांटने के लिए शर्मा काले धन का इस्तेमाल करते हैं।’

कांग्रेस के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी एक बड़ी चुनौती के तौर पर उभरी हैं। यही वजह है कि अमेठी में संभावित खतरा भांपते हुए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से भी लड़ने का फैसला किया है। 
 

click me!