सियासी दलों को 'पब्लिक अथॉरिटी' घोषित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस

By Team MyNation  |  First Published Apr 15, 2019, 4:27 PM IST

भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधि कानून की धारा 29C के तहत राजीतिक दलों को मिलने वाले दान की सूचना चुनाव आयोग को देना आवश्यक है। 
 

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत 'पब्लिक अथॉरिटी' घोषित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि जनप्रतिनिधि कानून की धारा 29C के तहत राजीतिक दलों को मिलने वाले दान की सूचना चुनाव आयोग को देना आवश्यक है। यह दायित्व उनकी सार्वजनिक प्रकृति की ओर संकेत करता है।  इसलिए यह कोर्ट घोषित कर सकता है कि राजनीतिक दल आरटीआई कानून 2005 की धारा 2 (AH) के तहत सार्वजनिक ऑथोरिटी है। 

यह भी पढ़ें - चुनावी बॉन्ड पर रोक नहीं, सियासी दलों को सुप्रीम कोर्ट में 15 मई तक बंद लिफाफे में देना होगा ब्यौरा

याचिका में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में उन्हें निलंबित करने या वापस लेने की चुनाव आयोग की शक्ति भी उनकी सार्वजनिक प्रकृति को दिखाना है।

याचिका में ये निर्देश देने की भी मांग की गई है कि सभी पंजीकृत और मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां चार हप्ते के भीतर जन सूचना अधिकार, सक्षम प्राधिकरण नियुक्त करें और आरटीआई कानून 2005 के तहत सूचनाओं का खुलासा करें।

click me!