अमेरिका और चीन के बीच बीते दस महीनों से ट्रेड वॉर की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के ट्रेड प्रतिनिधि बीते दो दिनों से ट्रेड संधि पर अंतिम दौर की चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और दोनों अर्थव्यवस्थाओं ने बीते 10 महीनों के दौरान एक-दूसरे के कारोबार को नुकसान पहुंचाने का काम किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में निर्मित 200 बिलियन डॉलर मूल्य के उत्पादों पर टैरिफ दर बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया। टैक्स में यह इजाफा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अमेरिका के इस फैसले पर चीन ने कहा है कि वह भी अमेरिका के उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का फैसला करेगा।
दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति को खत्म करने के लिए बातचीत अंतिम दौर में चल रही है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका के फैसले पर खेद जाहिर करते हुए कहा कि उसके पास भी पलटवार के लिए टैक्स में इजाफा करने की मजबूरी है।
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अमेरिका और चीन के बीच बीते दस महीनों से ट्रेड वॉर की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के ट्रेड प्रतिनिधि बीते दो दिनों से ट्रेड संधि पर अंतिम दौर की चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और दोनों अर्थव्यवस्थाओं ने बीते 10 महीनों के दौरान एक-दूसरे के कारोबार को नुकसान पहुंचाने का काम किया है।
क्या NAFTA के बाद WTO से बाहर आएंगे?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कमान संभालते ही अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका के बीच बेहद अहम ट्रेड समझौता NAFTA को रिजेक्ट करने का फैसला लिया था। अंतरराष्ट्रीय कारोबार में NAFTA इतिहास के सबसे पहली ट्रेड संधियों में एक है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनावी वादों में दावा किया था कि वह चीन को वर्ल्ड ट्रेड में गलत नीतियों के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे और ऐसी व्यवस्था तैयार करेंगे जिसमें अमेरिका का फायदा हो।
“The reality is, with the Tariffs, the economy has grown more rapidly in the United States and much more slowly in China.” Peter Morici, Former Chief Economist, USITC
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump)अमेरिका क्यों बढ़ा रहा है टैरिफ?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने चीन को WTO में शामिल कर गलती की थी. ट्रंप के मुताबिक WTO में चीन ने हमेशा गलत नीतियों के सहारे अपने कारोबार में बड़ा इजाफा किया है। ट्रंप ने दावा किया कि चीन की अर्थव्यवस्था को WTO का सबसे बड़ा फायदा मिला। लिहाजा, ट्रंप ने कहा कि अब अमेरिका आपसी कारोबार में उसे 500 बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष नहीं अदा करेगा लिहाजा उन्होंने चीन के उत्पादों पर टैरिफ में इजाफा किया है।