कुल्हड़ चाय से किसानों को साधेंगे शाह, देंगे मिशन 2019 को जीतने का मंत्र

By Team MyNation  |  First Published Feb 23, 2019, 11:32 AM IST

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कुल्हड़ की चाय के जरिए राज्य के किसानों को साधेंगे। शाह किसानों के बताएंगे कि किस तरह केन्द्र सरकार ने आजादी के बाद किसानों के लिए योजना बनाई हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कुल्हड़ की चाय के जरिए राज्य के किसानों को साधेंगे। शाह किसानों के बताएंगे कि किस तरह केन्द्र सरकार ने आजादी के बाद किसानों के लिए योजना बनाई हैं। जिसका फायदा किसानों को मिलना शुरू हो गया है। इसके साथ ही शाह कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए मिशन 2019 का मंत्र देंगे।

अमित शाह आज गोरखपुर और लखनऊ के दौरे पर हैं। पहले शाह लखनऊ जाएंगे। जहां वह लखनऊ के डॉ. राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस बैठक में राज्य के करीब 32 सौ प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस अधिवेशन में अमित शाह समझाएंगे कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की सहकारी संस्थाओं के माध्यम से चुनावी समीकरणों को कैसे दुरुस्त कर जीत हासिल की जा सकती है। इसके बाद वह भाजपा किसान मोर्चा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन गोरखपुर में करेंगे।

इस अधिवेशन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी किसानों को सम्बोधित करेंगे। इस अधिवेशन में आने वाले प्रतिनिधियों को ग्रामीण शिल्पकारों के लिए सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजना की ओर ध्यान आकर्षित करने लिए कुल्हड़ में चाय दी जाएगी। वहीं 24 फरवरी को समापन सत्र में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे। अधिवेशन में आने वाले प्रतिनिधियों को ग्रामीण शिल्पकारों के लिए सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजना की ओर ध्यान आकर्षित करने लिए कुल्हड़ में चाय दी जाएगी। इसी तरह मिट्टी के चूल्हे के जरिए उज्ज्वला योजना की सफलता सुनाई जाएगी।

इससे पहले अमित शाह यूपी में लखनऊ, कानपुर और बनारस और मेरठ में कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले चुके हैं। शाह ने मौजूदा सांसदों को चेताया भी था कि वह कार्यकर्ताओं की अनदेखी न करें। लेकिन कुल मिलकर शाह का पूरी तरह से फोकस यूपी पर है। प्रधानमंत्री की भी कई रैलियां यूपी में हो चुकी हैं और शाह आगामी चुनाव के लिए उनकी रैलियों के लिए योजना भी बना रहे हैं। क्योंकि राज्य में सपा और बसपा का गठबंधन बन जाने के बाद भाजपा को आशंका है कि वह पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाएगी।

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