एनआईए ने दाखिल की चार्जशीट, केएलएफ के टॉफ कमांडर के कहने पर शिवसेना नेता अमित अरोरा की हत्या की गई थी।
शिवसेना के नेता अमित अरोड़ा की हत्या की साजिश के तार छह देशों से जुड़े हैं। इस वारदात को अंजाम देने के लिए ऑस्ट्रेलिया समेत तीन देशों से पैसा जुटाया गया था। अरोरा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के निशाने पर थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की जांच में इस साजिश का खुलासा हुआ है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि साजिशकर्ताओं का मकसद पंजाब में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ना और सूबे में फिर से उग्रवाद की आग भड़काना था। इस केस में एनआईए ने मोहाली में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
एनआईए के मुताबिक, 'जांच में पाया गया कि इस हत्याकांड की साजिश के तार कई देशों तक फैले थे। इनमें पाकिस्तान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली और यूएई शामिल हैं। साजिश के तहत हत्या अथवा हत्या के प्रयास के लिए इटली, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन से हरदीप सिंह और रमनदीप सिंग को पैसे की आपूर्ति की गई। इस पैसे का इस्तेमाल हत्या के लिए हथियार और दूसरा साजो सामान खरीदने में किया गया।'
केएलएफ के टॉफ कमांडर के कहने पर शिवसेना के नेता अमित अरोरा की हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त वह अपनी कार में बैठ रहे थे। एनआईए ने आईपीसी की धारा 12, संदिग्ध गतिविधि (रोक) अधिनियम और आर्म्स एक्ट के तहत 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जांच के दौरान पाया गया कि अरोरा की हत्या केएलएफ के आकाओं की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। जनवरी, 2016 से अक्टूबर, 2017 के बीच पंजाब में हत्या अथवा हत्या के प्रयास की आठ वारदात को अंजाम दिया गया। जिन लोगों को निशाना बनाया गया वे किसी खास संगठन अथवा समुदाय से ताल्लुक रखते थे। एनआईए ने खुलासा किया है कि इस हत्याकांड का उद्देश्य पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ना और एक बार फिर उग्रवाद की आग को हवा देना था।
एनआईए का आरोप है कि हरदीप सिंह और रमनदीप सिंह को यह काम और प्रशिक्षण इटली, दुबई और यूएई में दिया गया। हरदीप सिंह इटली का स्थायी निवासी है। वहीं रमनदीप सिंह पंजाब के लुधियाना का रहने वाला है। इन दोनों को ब्रिटिश नागरिक गुरशरणसिंह ने प्रशिक्षण दिया था। एक अन्य साजिश की फंडिंग के लिए ब्रिटिश नागरिक जगतार सिंह जोहाल को भी गिरफ्तार किया गया है। इस साजिश को लेकर रोजाना की गतिविधियों का जिम्मा पाकिस्तान में रहने वाले हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी पर था। सूत्रों के अनुसार, एनआईए की चार्जशीट मौखिक, दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर तैयार की गई है। कुछ अन्य देशों से भी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
इस मामले के आरोपी