mynation_hindi

अमित यूं ही नहीं हैं भाजपा के ‘शाह’, लोकसभा में आज कर दी कांग्रेस की बोलती बंद

Published : Aug 06, 2019, 01:32 PM IST
अमित यूं ही नहीं हैं भाजपा के ‘शाह’, लोकसभा में आज कर दी कांग्रेस की बोलती बंद

सार

राज्यसभा से सोमवार को बिल पारित हो चुका है। लिहाजा आज इसको लोकसभा में पेश किया गया। कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। जबकि कल कांग्रेस की राज्यसभा में ही किरकिरी हो गयी थी क्योंकि व्हिप जारी करने वाले वरिष्ठ सांसद भुवनेश्वर कलिता ने राज्यसभा और कांग्रेस दोनों से इस्तीफा दे दिया था। 

नई दिल्ली। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पर चर्चा जारी है। राज्यसभा से बिल पारित होने के बाद आज लोकसभा में पेश किया। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच जमकर शब्दों के बाण चले। लेकिन केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के नेताओं के हर सवाल का जवाब दिया और उनकी बोलती बंद कर दी।

कांग्रेस के नेता जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते और वहीं अमित शाह सभी आरोपों का जवाब देते हुए उन्हें चुप कराते रहे। कांग्रेस के सांसद कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बता सके कि जम्मू कश्मीर में ये धाराएं क्यों लागू रहें।

राज्यसभा से सोमवार को बिल पारित हो चुका है। लिहाजा आज इसको लोकसभा में पेश किया गया। कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। जबकि कल कांग्रेस की राज्यसभा में ही किरकिरी हो गयी थी क्योंकि व्हिप जारी करने वाले वरिष्ठ सांसद भुवनेश्वर कलिता ने राज्यसभा और कांग्रेस दोनों से इस्तीफा दे दिया था।

आज लोकसभा में अमित शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर) में बांटा जाएगा। इस फार्मूले के तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी,  जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।

उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''राष्ट्र को जोड़ने का काम, एकतरफा तरीके से जम्मू-कश्मीर के टुकड़े करके, चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में डालकर और संविधान का उल्लंघन करके नहीं हो सकता। हालांकि राहुल गांधी ने संसद में अपनी बात नहीं रखी। जबकि ये बिल कल राज्यसभा में पारित हो चुका है।

आज अमित शाह ने संसद में कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन भी शामिल हैं और दोनों भारत के अभिन्न अंग हैं। वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी गृहमंत्री से 370 के अलावा 371 ए के लिए भी सवाल किए। तिवारी ने कहा कि 371ए के तहत नागालैंड, असम, मणिपुर, आंध्र, सिक्किम आदि को विशेष अधिकार मिले हैं तो क्या 370 हटाकर इन राज्यों को संदेश दिया जा रहा है।

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बहुत समय से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की मांग की जा रही थी। इसलिए  जम्मू-कश्मीर राज्य को दो हिस्सों में बांटने का बिल लाया गया।

वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को जवाब देते हुए शाह ने उनसे  सवाल पूछते हुए कहा कि क्या कांग्रेस चाहती है कि कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र मॉनिटर करे। उन्होंने साफ कहा कि  जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसमें पीओके भी आता है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अपनी जान भी दे देंगे। लेकिन हर कीमत पर लेकर रहेंगे। शाह ने कहा कि जब उन्होंने सदन में जम्मू-कश्मीर राज्य कहा है तो इसका अर्थ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन भी है।

PREV

Recommended Stories

श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
Oshmin Foundation: ग्रामीण भारत में मानसिक शांति और प्रेरणा का एक नया प्रयास, CSR का एक उत्कृष्ट उदाहरण