प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी है। बैठक में लिए गए फैसले के बारे में गृहमंत्री अमित शाह बयान देंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में केन्द्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला कर लिया है। अमित शाह 11 बजे राज्यसभा में और 12 बजे लोकसभा में आज लिए गए फैसले के बारे में बयान देंगे। फिलहाल सरकार के फैसले के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी है। बैठक में लिए गए फैसले के बारे में गृहमंत्री अमित शाह बयान देंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में केन्द्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला कर लिया है। अमित शाह 11 बजे राज्यसभा में और 12 बजे लोकसभा में आज लिए गए फैसले के बारे में बयान देंगे। फिलहाल सरकार के फैसले के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बैठक से पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल प्रधानमंत्री आवास में पहुंच चुके थे। हालांकि अमित शाह ने बैठक में जाने से पहले केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह 9.30 बजे कैबिनेट की बैठक हुई। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में केन्द्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला किया है। इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री आवास पर बैठक से पहले पहुंच गए थे। इस बार कैबिनेट की बैठक को आपातकालीन स्थिति में बुलाया गया है जबकि आमतौर पर बुधवार को कैबिनेट की बैठक होती है।
लेकिन इस बार जम्मू कश्मीर के मामले को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि केन्द्र सरकार कोई अहम फैसला लेने जा रही है। हालांकि आज केन्द्र सरकार राज्यसभा में जम्मू कश्मीर में आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए आरक्षण के प्रस्ताव को लाने जा रही है। ये प्रस्ताव लोकसभा से पारित हो गया है और अब इसे राज्यसभा से पारित किया जाना है।
वहीं ये भी कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार राज्य के हर गांव में पहली बार तिरंगा फहराने की योजना बना रही है। जिसके तहत राज्य में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। वहीं आज प्रधानमंत्री आवास पर ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक भी होनी है। हालांकि देर रात राज्य में 144 लागू कर दी गई है और राज्य के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है।