भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी का सच से सामना कराने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है। यह तो जगजाहिर है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही दोनों पार्टियों में जुबानी जंग तेज और तीखी होती जा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाकर सियासी बढ़त लेने की कोशिश की। लेकिन अगले ही पल उनके आंख मारने की घटना ने सारे किए कराए पर पानी फेर दिया। उन्होंने एससी-एसटी एक्ट को लेकर भी सरकार पर हमला करने की कोशिश की लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सच से सामना कराकर राहुल की सारी योजना बिगाड़ दी। शाह ने राहुल पर हमला करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "राहुल जी जब आपको आंख मारने और संसद में बाधा डालने से फुर्सत मिल जाए, तो कुछ समय तथ्यों को भी दें। एनडीए सरकार ने कैबिनेट के फैसले से और फिर संसद में बड़े संशोधन से इस एक्ट को धार दी है। अब आप उसका विरोध क्यों कर रहे हैं ?"
Rahul Ji, when you are free from winking and disrupting Parliament, give some time to facts as well.
NDA Government, through a Cabinet decision and in Parliament ensured the strongest amendment to the Act.
Why are you protesting that? https://t.co/Ik2Jq1Krny
शाह यहीं नहीं रुके। उन्होंने कांग्रेस को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और बाबू जगजीवन राम जैसे दिग्गज दलित नेताओं का किया गया अपमान भी याद दिलाया। शाह ने कहा, "बड़ा अच्छा होता यदि कांग्रेस अध्यक्ष डा. भीमराव अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम और सीताराम केसरी का उनकी पार्टी द्वारा किए गए अपमान की बात भी करते। कांग्रेस दलितों को हीन दृष्टि से देखती है। वर्षों तक कांग्रेस ने दलितों की आकांक्षाओं की अवहेलना की है।''
Would have been good if Congress President would have spoken about his Party’s treatment towards Dr. Babasaheb Ambedkar, Babu Jagjivan Ram and Sitaram Kesari.
Congress way of treating Dalits is patronising and condescending. For years Congress insulted Dalit aspirations.
Is it a co-incidence that the year Mrs. Sonia Gandhi joined the Congress, the Third Front-Congress Government opposed reservations in promotions and the year Rahul Gandhi becomes Congress President they oppose a tough SC/ SCT Act and OBC Commission! Anti-backward mindset visible.
— Amit Shah (@AmitShah)शाह ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता पिछड़ा-विरोधी है। "यह संयोग ही है कि जिस वर्ष श्रीमति सोनिया गांधी कांग्रेस में शामिल हुईं, उसी साल तीसरा मोर्चा-कांग्रेस सरकार ने सरकारी सेवाओं में पदोन्नति में रिजर्वेशन का विरोध किया था और जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो वह एक सशक्त एससी एसटी एक्ट और ओबीसी आयोग का विरोध करते हैं।"
Mr. Rahul Gandhi, expecting research and honesty is difficult from you but do read Mr. Rajiv Gandhi’s speech during Mandal, when he opposed it tooth & nail. The sense of entitlement and hatred for backward communities comes out so clearly. And today you talk about Dalit welfare!
— Amit Shah (@AmitShah)शाह ने आगे चुटकी लेते हुए कहा, "राहुल गांधी आपसे रिसर्च और सच्चाई की उम्मीद करनी कठिन है, लेकिन राजीव गांधी का मंडल के दौरान भाषण पढ़ें जब उन्होंने इसका पुरज़ोर विरोध किया था। पात्रता का घमंड और पिछड़ों के लिए नफरत साफ़ निकलकर आती है और आज आप दलितों की बात कर रहे हैं।"
PM ’s legacy- strongest amendments to SC/ ST Act, OBC Commission, Panchteerth and more. https://t.co/2LCmNeMOoP
Congress legacy- insult Dalit leaders, Dalit pride, oppose Mandal and block OBC Commission.
शाह ने प्रधानमंत्री मोदी और गांधी के बीच तुलना कर डाली और कहा कि जहां प्रधानमंत्री मोदी की विरासत एससी-एसटी एक्ट में कड़ा संशोधन, ओबीसी आयोग, पंचतीर्थ है, वहीं कांग्रेस की विरासत है दलित नेताओं का अपमान, मंडल का विरोध और ओबीसी कमीशन में अड़चनें।