आंध्र से जुड़े मामलों की जांच नहीं कर सकेगी सीबीआई, चंद्रबाबू सरकार ने 'सहमति' वापस ली

By Team MyNation  |  First Published Nov 16, 2018, 5:06 PM IST

सीबीआई की गैरमौजूदगी में सर्च, छापे या जांच का काम एंटी करप्शन ब्यूरो करेगा। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने किया फैसले का समर्थन।

सीबीआई में मचे घमासान के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने एक बड़े फैसले में राज्य से जुड़े मामलों की केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच के लिए दी गई आम सहमति को वापस ले लिया है। यह सहमित दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत दी गई थी। यह दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट के सदस्यों को राज्य के भीतर अपनी शक्तियों और अधिकारक्षेत्र का प्रयोग करने का हक देती है। 

चंद्रबाबू नायडू सरकार के फैसले का सीधा अर्थ यह हुआ कि अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे सकेगी। राज्य सरकार ने सीबीआई की अनुपस्थिति में सर्च, छापे या जांच का काम एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का फैसला लिया है। इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि सीएम चंद्रबाबू नायडू ने सीबीआई के दुरुपयोग के आरोपों के बाद यह कदम उठाया गया है। 

Andhra Pradesh Government has withdrawn the ‘General Consent’ given to the members of Delhi Special Police Establishment to exercise powers & jurisdiction in the state. In the absence of this permission, CBI can't interfere with any case that takes place within the limits of AP pic.twitter.com/bUgvB3hgBD

— ANI (@ANI)

एनडीए से अलग हुए चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि केंद्र राज्य में टीडीपी की सरकार को अपदस्थ करना चाहता है। केंद्र उनसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए साजिश कर रहा है। नायडू ने यह भी आरोप लगाया था कि बिहार और अन्य राज्यों से गुंडों को कानून-व्यवस्था खराब करने के लिए आंध्र प्रदेश लाया जा रहा है।

खास बात यह है कि नायडू के इस फैसले का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी समर्थन किया है। 

Andhra Pradesh CM Chandrababu Naidu has done the right thing in saying that he won't allow Central Bureau of Investigation (CBI) in his state: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/OZVATm6mP7

— ANI (@ANI)

 

 

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