रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी को राहत मिल गई है। कोर्ट ने अंबानी को ब्याज सहित 453 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन के पीठ ने यह फैसला दिया है।
आज सुप्रीम कोर्ट में रिलायंस कम्युनिकेशंस और एरिक्सन के बीच चल रहे विवाद की सुनवाई हुई। जिसमें एरिक्सन की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशंस पर अवमानना का मुकदमा दायर किया गया था।
इस दौरान रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के चैयरमैन अनिल अंबानी, रिलायंस टेलिकॉम लिमिटेड के चैयरमैन सतीश सेठ और रिलाएंस इंफ्राटेल लिमिटेड की चैयरमैन छाया वीरानी उपस्थित हुए थे।
एरिक्सन ने 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने की वजह से अनिल अंबानी के खिलाफ कोर्ट के अवमानना का मुकदमा कर रखा था। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि अनिल अंबानी चार हफ्ते में अगर पैसा नही चुकाते है तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है।
मामले की सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि एरिक्सन का बकाया राशि इसलिए नहीं चुकाया गया, क्योंकि आरकॉम का रिलाएंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री का सौदा टूट गया।
जबकि एरिक्सन कंपनी की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने आरोप लगाया था कि अनिल अंबानी ने 5000 करोड़ रुपये से संबंधित जानकारी को छुपाई है, जिसे कंपनी ने खारिज कर दिया था। दवे ने यह भी कहा था कि अनिल अंबानी के पास हजारों करोड़ की निजी संपत्ति है, वो एक राजा की तरह बड़े महल में रहते है।
गौरतलब है कि कोर्ट ने पिछले साल 23 अक्टूबर को आरकॉम से कहा था, कि वह 15 दिसंबर 2018 तक बकाया राशि का भुगतान करें और ऐसा नहीं करने पर उसे 12 फीसदी सलाना की दर से ब्याज भी देना पड़ेगा।