नौसेना में आदर्श जैसा घोटाला? नियमों को ताक पर रखकर 35 मंजिला इमारत के लिए दी एनओसी

By Ajit K Dubey  |  First Published Dec 4, 2018, 3:08 PM IST

नौसेना की पश्चिमी कमान ने एक निजी बिल्डर को महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान से महज 60 मीटर की दूरी पर मल्टी स्टोरी बनाने के लिए हरी झंडी दी।

नौसेना में भी आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले जैसा मामला सामने आया है। नौसेना के अधिकारियों ने मुंबई के एक निजी बिल्डर को सैन्य भूमि के पास 35 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए कथित तौर पर एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र)  जारी कर दी। इसमें सैन्य भूमि के समीप निर्माण को लेकर रक्षा मंत्रालय के स्पष्ट दिशानिर्देशों का सीधा उल्लंघन नजर आ रहा है। 

इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को कई शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों का संज्ञान भी लिया गया लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक इन प्रोजेक्टों को हरी झंडी देने वाले संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। 

 'माय नेशन' के पास इस मामले से संबंधित ब्यौरा उपलब्ध है। नौ मार्च, 2017 को कोलाबा स्थित नौसेना की पश्चिमी कमान ने एक निजी बिल्डर रनवाल कंस्ट्रक्शंस को एक 35 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए एनओसी जारी की थी। खास बात यह है कि बिल्डिंग मुंबई के कंजुरमार्ग में नौसेना के एक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान से महज 60 मीटर की दूरी पर बनाई जानी थी। 

यह एनओसी 2011 में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सीधा उल्लंघन है। इन निर्देशों के अनुसार, किसी रक्षा प्रतिष्ठान के 100 मीटर के दायरे में होने वाले निर्माण में महज चार तल की बिल्डिंग को बनाने की अनुमति ही दी जा सकती है। जबकि यह चार स्तर पर बनने वाली बहुमंजिला इमारत थी और इसका निर्माण 500 मीटर से ज्यादा की सैन्य भूमि पर होना था। 

रक्षा मंत्रालय को मिली शिकायत के अनुसार, रनवाल कंस्ट्रक्शंस को दी गई एनओसी के आधार पर एक दूसरे निजी बिल्डर को भी एनओसी जारी की गई। यह मुंबई के भांडुप इलाके में एक 15 मंजिला इमारत के निर्माण से संबंधित थी। यह मामला भी रक्षा मंत्रालय की जांच के दायरे में है। 

जब 'माय नेशन' ने नौसेना और उसके अधिकारियों द्वारा नियमों से उल्लंघन पर नेवी की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो बल के प्रवक्ता ने कहा, 'कई एनओसी हैं, जिनमें कथित तौर पर नियमों का पालन न करने की बात कही जा रही है। इन पर मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट के ओर मांगी गई सभी सूचनाएं और स्पष्टीकरण उपलब्ध करा दिया गया है।'

सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को एक अन्य बिल्डर बॉम्बे हाईकोर्ट में ले गया था। उसने कंजुरमार्ग में नौसेना प्रतिष्ठान से सटी भूमि पर बिल्डिंग बनाने के लिए एनओसी देने की मांग की थी। 

आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में 31 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए एनओसी जारी की गई थी। मुंबई के कोलाबा में यह इमारत संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठान के पास ही बनाई गई थी। इसके निर्माण के लिए सभी नियम-कानूनों का उल्लंघन किया गया। इस घोटाले ने राज्य में कांग्रेस की राजनीति जड़ें हिला दी थीं। इसका असर यह हुआ कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। 
 

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