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इस सीट पर है मुलायम की बहू की नजर, जानें क्या दिया अखिलेश पर बयान

Published : Jun 05, 2019, 10:16 AM ISTUpdated : Jun 05, 2019, 01:10 PM IST
इस सीट पर है मुलायम की बहू की नजर, जानें क्या दिया अखिलेश पर बयान

सार

अपर्णा यादव पूरी तरह से एसपी के बचाव में उतर गयी है। उन्होंने बीएसपी को लोकसभा चुनाव में हार को पचाने की नसीहत दी है। इसके जरिए उन्होंने अखिलेश यादव को एक तरह से अपना समर्थन दिया है। जबकि अखिलेश यादव पर उनके विरोधी शब्दों के बाण चला रहे हैं। अपर्णा मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की बहू हैं। 

मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव एसपी-बीएसपी गठबंधन टूटने के बाद अब खुले तौर पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के समर्थन में आ गयी है। अपर्णा ने मायावती को हार पचाने की नसीहत दे डाली। असल में अपर्णा की नजर विधानसभा के उपचुनाव पर है। जिसके जरिए वह एक बार फिर अपनी राजनैतिक पारी को शुरू करना चाहती है।

अपर्णा यादव पूरी तरह से एसपी के बचाव में उतर गयी है। उन्होंने बीएसपी को लोकसभा चुनाव में हार को पचाने की नसीहत दी है। इसके जरिए उन्होंने अखिलेश यादव को एक तरह से अपना समर्थन दिया है। जबकि अखिलेश यादव पर उनके विरोधी शब्दों के बाण चला रहे हैं। अपर्णा मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की बहू हैं। वह लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से 2017 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं।

लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अखिलेश और अपर्णा के रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं हैं। लोकसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के लिए अपर्णा संभल सीट से लोकसभा का टिकट चाह रही थी, लेकिन अखिलेश यादव ने उनकी दावेदारी को दरकिनार कर दिया। जबकि मुलायम ने भी अपर्णा को टिकट देने की सिफरिश की थी।

अपर्णा शिवपाल सिंह यादव को अपना राजनैतिक गुरू मानती हैं और जब शिवपाल ने लखनऊ में पार्टी को लांच किया था तब अपर्णा मुलायम के साथ मंच पर पहुंची थी। लेकिन अपर्णा ने शिवपाल की पार्टी से कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ा। लिहाजा अब जब एसपी-बीएसपी का गठबंधन टूट गया है और अखिलेश यादव दबाव में हैं तो अपर्णा ने अखिलेश के पक्ष में बयान देकर अपनी राजनैतिक जमीन तलाश रही हैं।

वहीं यूपी सरकार की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बन जाने के बाद लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, यहां पर विधानसभा चुनाव में अपर्णा ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें 61 हजार वोट मिले थे। हालांकि अखिलेश अपर्णा को टिकट दिए जाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन मुलायम के दबाव में पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। यहां पर अखिलेश ने अपर्णा के पक्ष में प्रचार भी नहीं किया।

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