पॉलिसी बाजार ने कोर्ट में छिपाए फैक्ट्स, 10 लाख रुपये का हर्जाना चुकाना होगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पॉलिसी बाजार को 5 लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष तथा 5 लाख रुपये दिल्ली लीगल एड सर्विस अथॉरिटी के पास जमा करने को कहा है।

High Court imposes 10 lakh rupees cost on Policybazaar for concealing facts to obtain interim order

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनियों को एक साथ ऑनलाइन उपलब्ध कराने वाली कंपनी पॉलिसी बाजार पर 10 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। यह कार्रवाई पॉलिसी बाजार के ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में एकतरफा स्थगन आदेश प्राप्त करने के लिए फैक्ट छिपाने के लिए की गई है। एक बीमा कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के दौरान पॉलिसी बाजार ने फैक्ट छिपाए थे।

क्या है पूरा मामला

हाईकोर्ट ने ऑनलाइन पॉलिसी बेचने वाली एको जनरल इंश्योरेंस पर किसी भी रूप में ‘पॉलिसी बाजार’ के ट्रेड मार्क का इस्तेमाल करने या गूगल पर ऐसे या इससे मिलेजुले शब्दों या एडवर्ड/‘कीवर्ड’ प्रोग्राम के उपयोग पर रोक लगा दी थी। 

इसके बाद एको जनरल इंश्योरेंस ने कोर्ट में दिए अपने आवेदन में 16 मई के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कहा कि पॉलिसी बाजार ने एकतरफा अंतरिम रोक का आदेश प्राप्त करने के लिए फैक्ट छिपाए। 

एको जनरल की दलील

कंपनी ने जस्टिस संजीव नरूला के समक्ष कहा कि पॉलिसी बाजार ने अदालत में आकर एको के खिलाफ अपने नाम/निशान का उपयोग ‘कीवर्ड’ के रूप में करने का आरोप लगाया था जबकि वह (पॉलिसी बाजार) स्वयं उस बीमा कंपनी के नाम से यही कर रही थी।

बीमा कंपनी ने दावा किया कि पॉलिसी बाजार उसके नाम को ‘कीवर्ड’ के रूप में उपयोग कर रही थी, इसीलिए जब कभी कोई ‘एको’ को खोजता, उसे प्रायोजित लिंक के रूप में पॉलिसी बाजार की वेबसाइट दिखती थी।

पॉलिसी बाजार ने कोर्ट में मानी गलती

पॉलिसी बाजार ने यह बात स्वीकार करते हुए कोर्ट को बताया कि उसने 23 अप्रैल 2019 से ऐसा करना बंद कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि वादी से यह अपेक्षा थी कि वह मामले में सही तथ्यों को रखता। 

जज ने कहा, ‘आवेदन में आज जो बातें कही गई हैं, उससे यह उभरकर सामने आता है कि वादी स्वयं उन गतिविधियों में शामिल थी जिसकी उसने मौजूदा मामले में शिकायत की।’  

कोर्ट ने कहा, तथ्य छुपाना जायज नहीं

अदालत ने कहा, ‘मामले में रोक के लिए प्रासंगिक तथ्यों को छिपाने को कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता।’ अदलात ने पॉलिसी बाजार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया।

आदेश में 5 लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष तथा 5 लाख रुपये दिल्ली लीगल एड सर्विस अथॉरिटी के पास जमा करने को कहा गया है। साथ ही कोर्ट ने मामले में 11 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई तक रोक के अंतरिम आदेश को निलंबित कर दिया। (इनपुट पीटीआई)

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