क्या त्रिवेद्र की नजर में खटक रहे हैं ओम प्रकाश और झा, दागी अफसरों के कतरे पर

तकरीबन डेढ़ साल बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और उत्तराखंड में नौकरशाही का हाल कुछ ऐसा ही है जो बीस साल पहले हुआ करता था।  सरकार चाहे किसी भी आए, लेकिन सरकार नौकरशाह ही चलाते थे। लिहाजा सीएम रावत अच्छी तरह से जानते हैं कि विपक्षी दल दागदार नौकरशाही को मुद्दा बना सकते हैं। लिहाजा राज्य के विवादित अफसरों को जोर का झटका धीरे से देने की कोशिश कर रहे हैं।

Are Om Prakash and Jha getting knocked out in the eyes of Trivendra, the tainted officers were sidelined

नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना लॉकडाउन में राज्य की नौकरशाही में बड़ा बदलाव किया है। हालांकि आमतौर पर इस तरह के बदलाव रुटीन होते हैं। लेकिन नौकरशाही में इनके बड़े मायने होते हैं।  क्योंकि अकसर सरकार इस तरह के बदलावों के जरिए जनता और मीडिया का मिजाज को भांपने की कोशिश करती हैं। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में 16 आईएएस और छह पीसीएस अफसरों के तबादला किए हैं। लेकिन इन तबादलों में कुछ और बड़ी जिम्मेदारी दी गई है तो कुछ अफसरों के पर कतरे हैं। लिहाजा समझा जा सकता है कि राज्य में विवादित चल रहे अफसर अब सीएम त्रिवेन्द्र रावत  को खटक रहे हैं। 

Are Om Prakash and Jha getting knocked out in the eyes of Trivendra, the tainted officers were sidelined

तकरीबन डेढ़ साल बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और उत्तराखंड में नौकरशाही का हाल कुछ ऐसा ही है जो बीस साल पहले हुआ करता था।  सरकार चाहे किसी भी आए, लेकिन सरकार नौकरशाह ही चलाते थे। लिहाजा सीएम रावत अच्छी तरह से जानते हैं कि विपक्षी दल दागदार नौकरशाही को मुद्दा बना सकते हैं। लिहाजा राज्य के विवादित अफसरों को जोर का झटका धीरे से देने की कोशिश कर रहे हैं।

इन बदलावों में सबसे पहले बात करते हैं कि आईएएस अफसर ओम प्रकाश की। जिनके बारे में कहा जाता है कि सरकार कोई भी आए। सरकारें ओम प्रकाश को इग्नोर नहीं कर  सकती है। राज्य में चर्चा है कि आईएएस अफसर और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के पर कतरे गए हैं। ओम प्रकाश राज्य में पिछले कुछ सालों के सत्ता के आंख और कान बने हुए हैं। राज्य में कोई भी सीएम आया हो।  ओमप्रकाश उसके करीब हमेशा माना जाते हैं।  फिलहाल ओम प्रकाश से लोक निर्माण विभाग का चार्ज हटा लिया गया है। ओम प्रकाश से लोक निर्माण के साथ हीअध्यक्ष ब्रिज, रोपवेज, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रेक्चर डेवलेपमेंट कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड का चार्ज हटाया गया है। ये वो विभाग हैं। जो क्रिम पोस्टिंग माने जाते हैं। 

वहीं मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले स्वास्थ्य सचिव नीतेश झा को हटा दिया गया है। जबकि उनकी जगह पर अमित सिंह नेगी को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण का प्रभार दिया गया है। ओम प्रकाश और नीतेश झा राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के करीबी  माने जाते हैं और नौकरशाही के बदलाव में इन दोनों अफसरों के परों को कतरे जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। 

ओम  प्रकाश पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने के मामले में विवादित हो चुके हैं।हालांकि उस वक्त ही माना जा रहा था कि आने वालों दिनों में ओम प्रकाश पर गाज गिरेगी। लिहाजा माना जा रहा कि त्रिपाठी प्रकरण को लेकर सीएम ओम प्रकाश से नाराज चल रहे थे।

ओम प्रकाश से लोक निर्माण तथा अध्यक्ष ब्रिज, रोपवेज, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रेक्चर डेवलेपमेंट कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड का चार्ज हटाकर राज्य के सचिव सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी आरके सुधांशु को इन पदों पर नियुक्त किया गया है। अगर देखें तो सुधांशु राज्य की नौकरशाही में मजबूत होकर उभरे हैं।  प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण और उच्च शिक्षा आनंद बर्द्धन को नियोजन तथा बाह्य सहायतित परियोजना का चार्ज दिया गया है। इसके सााथ ही सीएम त्रिवेन्द्र रावत के करीबी अफसरों में शुमार नितेश कुमार झा को भी बड़ा झटका लगा है। राज्य में स्वास्थ विभाग मलाईदार  माना जाता है और ऐसे में नितेश कुमार झा से सचिव चिकित्सा शिक्षा तथा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को हटाया जाना और बड़ा झटका माना जा रहा है। झा के पास अब सिंचाई, लघु सिंचाई एवं पेयजल सचिव का चार्ज रहेगा। 

अमित  नेगी बने बाहुबली

राज्य में स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के सचिव अमित नेगी को दिया गया है। नेगी मुख्यमंत्री के भी सचिव है। लेकिन अब उनसे आपदा प्रबंधन, नियोजन, बाह्य सहायतित योजनाएं, कार्यक्रम निदेशक पीएमयू तथा परियोजना निदेशक बाह्य सहायतित योजना का प्रभार हटाकर दिया गया है। जबकि चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है।
 

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