पुलवामा हमले का जश्न मनाने वालों की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी का सिलसिला शुरु

By Anindya BanerjeeFirst Published Feb 19, 2019, 8:57 PM IST
Highlights

माय नेशन लगातार ऐसे लोगों की खबरें दिखा रहा है जो कि राष्ट्रद्रोही तत्वों द्वारा पुलवामा हमले का जश्न मना रहे थे। यह लोग हमारे वीर जवानों की शहादत का अपमान कर रहे थे। लेकिन अब वह अपने अंजाम तक पहुंचने लगे हैं। 

माय नेशन ने लगातार आप के पास ऐसे लोगों की खबरें पहुंचाई हैं जिन्हें आस्तीन का सांप कहा जा सकता है। यह देश के अंदर छिपे शत्रु हैं जो ज्यादा घातक हैं। हमने लगातार ऐसे लोगों की तस्वीरें और उनके जहरीले मैसेज आपको दिखाया है, जिनमें यह लोग पुलवामा में  40 युवा और सपनों से भरी जिंदगियों की शहादत पर जश्न मना रहे हैं। यह लोग भारत में पैदा हुए हैं, यह लोग भारत से अपनी रोजी रोटी हासिल करते हैं, बल्कि इसमें से कुछ तो आईआईटी मद्रास जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई भी कर रहे हैं। लेकिन इन लोगों ने उसी देश से गद्दारी का रास्ता चुना है। 

लेकिन उनके बारे में खबरें दिखाए जाने पर उसमें से बहुत से लोगों पर कानून का डंडा चला है। इसमें से कुछ निलंबित कर दिए गए, कुछ लोगों को बर्खास्त किया गया है। पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। कुछ गिरफ्तारियां भी हुई है। अब बर्दाश्त की हदें पार हो चुकी हैं। 

1. मो. फरमान खान
शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर के इस्लामिया इंटर कॉलेज के इस छात्र ने एक फेसबुक पोस्ट करते हुए दो बार लिखा, "हिंदुस्तान मुर्दाबाद" । इससे लोग बेहद नाराज हुए और पुलिस को शिकायत की। सोमवार को शाहजहांपुर पुलिस ने ट्वीट किया कि खान द्वारा भारत विरोधी पोस्ट के 48 घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे 124 ए सहित आईपीसी के कड़े धाराओं के तहत दर्ज किया गया है, जो देशद्रोह से निपटने वाला कानून है।


2. हाफिजुर रहमान
असम

असम के इस 19 वर्षीय शख्स की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी। उसने भी भारत के खिलाफ कठोर बातें लिखीं जिसकी वजह से असम का मुस्लिम समुदाय भी नाराज हो गया। इसकी वजह से  सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता था। क्योंकि मामला असम का था, जहां एनआरसी अपने अंतिम चरण में है। रहमान नाम के इस आदमी को असम पुलिस ने राज्य के मंगलदई इलाके से गिरफ्तार किया है।
 

3. रवि प्रसाद मौर्या
बलिया, उत्तर प्रदेश 

रवि उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य होने का दावा करता है। सोशल मीडिया पर मौर्य ने लिखा, "हमें गर्व है आदिल अहमद पर जिसनें पुलवामा में  सीआरपीएफ पर हमला किया, 14 फरवरी 2019 को,  आदिल अहमद की मृत्यु पर मेरी तरफ से श्रद्धांजलि।) न केवल यह एक आतंकवादी का महिमामंडन है - बल्कि इसमें एक भ्रातृत्व का भाव भी भरा हुआ है। लेकिन यह देश पर हमले पर गर्व करता है।  बलिया पुलिस ने इस आदमी को संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है।

4. विजय लेवा
अहमदाबाद

लेवा एक शिक्षित व्यक्ति है, जिसने अहमदाबाद के एलएम कॉलेज से पढ़ाई की है, लेकिन फिर भी वह ट्विटर पर यह कहने से नहीं चूका कि  " कश्मीरियों को गुलाम बनाए रखने के लिए कुछ कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी!!!"  यह आतंकवाद की इस बर्बर कार्रवाई का बचाव करता है और उससे भी बुरा कश्मीर में भारत सरकार की स्थिति पर प्रश्न खड़े करता है। जिसके तहत हमेशा कहा जाता है कि कश्मीर भारत का एक अविभाज्य हिस्सा है। इस मामले में एक ट्विटर उपयोगकर्ता द्वारा अहमदाबाद पुलिस को टैग किए जाने के बाद, लेवा के खिलाफ एक प्राथमिकी तुरंत दर्ज की गई। पुलिस ने लेवा को हिरासत में ले लिया है।

5. चित्रदीप सोम
कोलकाता

सोम उत्तरी कोलकाता स्थित प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल में शिक्षक था। उसने फेसबुक पर एक  लंबी पोस्ट लिखी। जिसमें उसने तर्क दिया कि क्यों मारे गए सैनिकों को 'शहीद' नहीं कहा जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया, "पेशेवर कारणों से, जो लोग वेतन के बदले में लड़ने जाते हैं और मारे जाते हैं, उन्हें शहीद नहीं कहा जाना चाहिए। उन्हें शहीद कहना शहीद शब्द का दुरुपयोग है।"

सोम ने बहस करने की कोशिश की। लेकिन स्कूल के अधिकारी माने नहीं। जैसी कि उम्मीद थी उसे बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद वह फिर से सोशल मीडिया पर आया और घोषका की कि  "मुझे अपनी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है"।

यह सूची संपूर्ण नहीं है। सोमवार को, MyNation ने आपको बताया कि कैसे असम में एक सहायक प्रोफेसर, पापरी जेड बनर्जी को उनके कॉलेज से निलंबित कर दिया गया और असम पुलिस ने उन्हें भारत विरोधी तेवर के चलते गिरफ्तार कर लिया था। 

राष्ट्र के दुश्मनों को झटका देने का समय आ गया है !

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