इमरान पर भारत का पलटवार, पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र, सबूत तो 26/11 के भी दिए थे, क्या हुआ

By Team MyNation  |  First Published Feb 19, 2019, 7:37 PM IST

-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा,  सबूत मांगना एक घिसापिटा बहाना है। मुंबई में हुए हमले के सबूत भी पाक को दिए गए थे। लेकिन 10 साल में उस केस में कोई प्रगति नहीं हुई है।' 

पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान उन्हें ही उल्टा पड़ गया। भारत ने इस पर न सिर्फ तीखी प्रतिक्रिया दी बल्कि मुंबई और पठानकोट हमले की जांच को लेकर पाकिस्तान के रवैये की जमकर बखिया उधेड़ी। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के पीएम की प्रतिक्रिया पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने तो पुलवामा हमले की निंदा करना भी उचित नहीं समझा। इमरान खान ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दावे को भी नजरअंदाज कर दिया। जहां तक सबूत देने पर जांच कराने की बात है तो यह एक घिसापिटा बहाना है। पाकिस्तान को दस साल पहले हुए मुंबई हमले की सबूत भी दिए गए थे, उनका क्या हुआ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बयान में कहा, 'जहां तक पाकिस्तान के खुद आतंक से सबसे ज्यादा पीड़ित होने की बात है तो यह सच्चाई से बिल्कुल परे है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस बात को जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है।' उन्होंने कहा, 'हमें इस बात को लेकर कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तानी पीएम ने पुलवामा में हमारे सैनिकों पर हुए हमले को आतंकी कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने न तो इस कायरता पूर्ण हमले की निंदा की और न ही हमले में मारे गए जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।' 

MEA Spokesperson Raveesh Kumar reacts to Pakistan PM's statement on , says 'In this “Naya Pakistan”, Ministers publicly share platforms with terrorists like Hafiz Saeed who have been proscribed by United Nations' pic.twitter.com/FjvQgQ9Z0u

— ANI (@ANI)

मंत्रालय ने कहा, 'पाक पीएम ने तो जैश और आतंकियों के तरफ से किए गए दावों को भी नजरअंदाज कर दिया। यह बात सभी जानते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में रहता है।' विदेश मंत्रालय ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत की तरफ से सबूत मुहैया कराने पर जांच की पेशकश की है। यह एक घिसापिटा बहाना है। मुंबई में हुए हमले के सबूत भी पाक को दिए गए थे। पिछले 10 साल में उस केस में कोई प्रगति नहीं हुई है।'  पठानकोट हमले के भी सबूत दिए गए थे, लेकिन क्या हुआ। 

विदेश मंत्रालय ने कहा, इस 'नए पाकिस्तान' में मंत्री खुले तौर पर हाफिज सईद जैसे आतंकियों के साथ मंच साझा करते हैं। पाकिस्तान के पीएम ने आतंकवाद पर बातचीत की इच्छा जाहिर की है। भारत यह बात पहले भी कई बार कह चुका है कि भारत दोनों देशों के बीच आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में बातचीत को तैयार है।' 

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'यह खेदजनक है कि पाक पीएम ने इस हमले को भारत में आम चुनाव में भुनाने की कोशिश बताया है। भारत इन आरोपों को खरिज करता है। भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए एक उदाहरण है, इस बात को पाकिस्तान कभी नहीं समझेगा। हम मांग करते हैं कि पाकिस्तान विश्व समुदाय को भ्रमित करना बंद करे और पुलवामा हमले के जिम्मेदार आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।' 
 

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