हरियाणा में ‘विभीषण’बने अशोक तंवर, जानें कांग्रेस को कैसे पहुंचा रहे हैं नुकसान

कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद तंवर पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि तंवर इतने आक्रामक होकर पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे। हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि तंवर का राजनैतिक तौर पर हरियाणा में वजूद नहीं है। लेकिन पिछले पांच साल प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए है तंवर ने अपना दलित वर्ग कांग्रेस के साथ था। 

Ashok Tanwar without 'Vibhishan' in Haryana, know how the Congress is harming

चंडीगढ़। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर कांग्रेस को हराने के लिए कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तवंर कांग्रेस के लिए विभीषण साबित हो रहे हैं। तंवर उस पार्टी और नेता को समर्थन दे रहे हैं। जो कांग्रेस को हराए। लिहाजा अब तंवर ने  ऐलनाबाद सीट नया दांव खेला है। यहां पर तंवर ने अभय चौटाला को अपना समर्थन दिया है और अपने समर्थकों से चौटाला को जीतने को कहा है।

Ashok Tanwar without 'Vibhishan' in Haryana, know how the Congress is harming

कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद तंवर पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि तंवर इतने आक्रामक होकर पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे। हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि तंवर का राजनैतिक तौर पर हरियाणा में वजूद नहीं है। लेकिन पिछले पांच साल प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए है तंवर ने अपना दलित वर्ग कांग्रेस के साथ था। लेकिन कांग्रेस ने इसकी काट निकालते हुए कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है जबकि जाट नेता हुड्डा को चुनाव समिति का अध्यक्ष के साथ ही विधायक दल का नेता नियुक्त किया है।

एक दिन पहले ही तंवर ने जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री के पद के लिए समर्थन दिया है। जबकि आज चौटाला को समर्थन देकर तंवर ने जता दिया है कि वह उस पार्टी का समर्थन करेंगे जिसके प्रत्याशी कांग्रेस को हराने में सक्षम हों। तंवर ने सिरसा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर इनेलो उम्मीदवार अभय चौटाला का समर्थन देने का ऐलान किया है। जबकि एक दिन पहले ही उन्होंने साफ किया था कि वह किसी पार्टी को ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। यही नहीं वह किसी एक पार्टी के साथ नहीं जा रहे हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस पद से हटाए जाने के बाद तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और इससे पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन कर अपनी ताकत का दिखाई थी। तंवर ने राज्य में टिकट को बेचे जाने का आरोप लगाया था। तंवर सिरसा से सांसद रह चुके हैं। वह 2009 में हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे हालांकि 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन वह इन दोनों चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे।

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