आम आदमी पार्टी से अलग हुए पत्रकार रहे नेता ने पार्टी पर पहला बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर पार्टी के अंदर व्याप्त 'कास्ट पॉलिटिक्स' का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि 2014 लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार बनाए जाने के वक्त उन्हें उनका सरनेम लगाने को कहा गया।
15 अगस्त को आम आदमी पार्टी से अलग हो चुके आशुतोष ने पार्टी पर पहला बड़ा बम दागा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जब उन्हें चांदनी चौक से प्रत्याशी के तौर मैदान में उतारा था, तब उन पर अपने नाम के आगे सरनेम लगाने का दबाव बनाया गया था। आशुतोष ने इस बात का भी जिक्र किया है कि 23 साल के उनके पत्रकारिता कैरियर में उनकी जाति दर्शाने वाले सरनेम का इस्तेमाल उन्होंने कभी नहीं किया।
In 23 years of my journalism, no one asked my caste, surname. Was known by my name. But as I was introduced to party workers as LOKSABHA candidate in 2014 my surname was promptly mentioned despite my protest. Later I was told - सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहाँ काफी वोट हैं ।
— ashutosh (@ashutosh83B)
पत्रकारिता को अलविदा कह राजनीति के अखाड़े में उतरे आशुतोष को अब पत्रकारिता के अच्छे दिनों की याद आने लगी है। उन्होंने कहा कि जब मुझे उम्मीदवार बनाया गया तो “Later I was told - सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं”। “यानी कि मुझसे कहा गया कि जाति छुपावोगे तो जीतोगे कैसे, क्योंकि चांदनी चौक में तो बनियों के वोट ज्यादा हैं”। आशुतोष ने इस बात का भी जिक्र किया है कि मेरे विरोध के बावजूद ये सलाह मुझे दी गई और मुझपर दबाव बनाया गया।
ट्वीट के बाद उन्होंने तुरंत मीडिया को नसीहत भी दे डाली। आशुतोष ने दो घंटे बाद दोबारा ट्वीट किया कि “मीडिया के फूर्तीले लोग(TV HAWKS) मेरे ट्वीट का गलत मतलब निकाल रहे हैं। मैं अब आप के साथ नहीं हूं, पार्टी के अनुशासन से बंधा नहीं हूं और अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हूं। मेरे शब्दों को आप पर हमले के रूप में कहना गलत होगा। यह मीडिया का हेरफेर है। मुझे छोड़ दो। मैं आप के खिलाफ ब्रिगेड का सदस्य नहीं हूं।
My tweet is misunderstood by TV HAWKS. I am no longer with AAP, not constrained by party discipline and free to express my views. It will be wrong to attribute my words as attack on AAP. It will be gross manipulation of media freedom. Spare me. I not member of anti-AAP BRIGADE.
— ashutosh (@ashutosh83B)
‘आप’ के साथ नहीं, ‘आप’ के खिलाफ भी नहीं पर आशुतोष की बातें ‘आप’ की कलई खोलती हुई हैं। दरअसल 2014 लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने आशुतोष को चांदनी चौक संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया था। उनके मुकाबले यहां बीजेपी से हर्षवर्धन, कांग्रेस से कपिल सिब्बल मैदान में थे। आशुतोष चुनाव हार गए थे, वो तीसरे नंबर पर रहे थे। जातिगत लिहाज से इस संसदीय क्षेत्र में बनिया वोटर काफी संख्या में है। इन्हीं समीकरणों को आशुतोष ने अपने ट्वीट के जरिए याद किया है।
ऐसा माना गया कि राज्यसभा उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया को लेकर आशुतोष नाराज चल रहे थे और बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी। पार्टी छोड़ते वक्त उन्होंने ट्वीट में पत्रकारों से कहा कि वे इस मसले पर किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे।