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असम सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों से 'मकतब' शब्द को किया समाप्त

Published : Feb 23, 2020, 01:25 PM IST
असम सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों से 'मकतब' शब्द को किया समाप्त

सार

असम सरकार ने कहा कि सरकारी स्कूलों से अरबी शब्द मकतब को खत्म करने का आदेश जारी किया गया है। असल में अरबी में मकतब का मतलब स्कूल है और असम में 63 सरकारी स्कूल हैं जो अरबी शब्द मकतब का उपयोग करते हैं। असम के पूर्व सीएम सैयद मुहम्मद सादुल्ला के शासनकाल के दौरान मकतब शब्द का इस्तेमाल किया गया था।

नई दिल्ली। असम सरकार ने सभी राज्य के सभी सरकारी स्कूलों से मकतब शब्द को खत्म करने का फैसला किया है। फिलहाल ये आदेश मदरसों पर लागू नहीं होगा। ये आदेश सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही लागू होगा। सरकार का  कहना है कि विभिन्न सामाजिक संगठनों या अन्य गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों पर भी ये आदेश लागू नहीं होगा।

असम सरकार ने कहा कि सरकारी स्कूलों से अरबी शब्द मकतब को खत्म करने का आदेश जारी किया गया है। असल में अरबी में मकतब का मतलब स्कूल है और असम में 63 सरकारी स्कूल हैं जो अरबी शब्द मकतब का उपयोग करते हैं। असम के पूर्व सीएम सैयद मुहम्मद सादुल्ला के शासनकाल के दौरान मकतब शब्द का इस्तेमाल किया गया था। इसके लिए राज्य सरकार ने प्राथमिक स्कूलों की स्थापना की गई थी। जिन्हें मकतब कहते थे।

राज्य सरकार का कहना है कि उन स्कूलों में अब मकतबा शिक्षा प्रदान नहीं की जाती है और यह सामान्य निम्न प्राथमिक विद्यालय बन गये हैं। इसलिए, हमने सभी स्कूल प्रबंध समिति को सलाह दी है कि वे स्कूल के नामों में से मकतब को हटा दें। राज्य के सभी स्कूल सात दिनों के भीतर मकतब का नाम स्कूलों से हटा देंगे।

गौरतबल है कि राज्य सरकार ने सभी सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूलों सामान्य हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में बदल दिया है। राज्य में लगभग 1,200 मदरसों और लगभग 200 संस्कृत स्कूलों को सरकारी स्कूलों में बदला जा चुका है और इन स्कूलों में अब सरकारी बोर्ड के तहत ही शिक्षा दी जाएगी।

सरकार का कहना है कि सरकार के पास सामान्य मदरसों को लेकर कोई समस्या नहीं है जो विभिन्न सामाजिक संगठनों या अन्य गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे हैं। मदरसे में संचालित शिक्षा एक नियामक ढांचे के तहत संचालित की जाएगी और इसके लिए राज्य सरकार एक कानून लाने जा रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने कहा कि मदरसे को एक नियामक ढांचे के तहत काम करना होगा और उन्हें छात्रों की संख्या का खुलासा करना होगा।
 

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