सीएए के खिलाफ प्रस्ताव कराने वाले विधानसभा अध्यक्ष बोले, राज्यों को लागू करना होगा सीएए

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के बयान से कांग्रेस को मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि सीपी जोशी के विधानसभा अध्यक्ष के रहते राजस्थान में नागरिकता कानून के विरोध में प्रस्ताव पारित हुए हैं। राजस्थान सरकार तीसरी सरकार है जहां पर सीएए को लागू न करने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ है। हालांकि अभी तक कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि नागरिकता कानून का राज्य सरकारें विरोध नहीं कर सकती हैं।

Assembly Speaker who proposed against CAA said, states will have to implement CAA

जयपुर। नागरिकता संसोधन कानून को लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार को कांग्रेस के कई नेताओं का साथ मिलने के बाद अब राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का साथ मिला है। राजस्थान विधानसभा में हाल ही में सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव किया है। लेकिन अब सीपी जोशी ने सीएए को लेकर बड़ा बयान दिया है। जोशी  ने कहा कि राज्य सरकारें सीएए का विरोध नहीं कर सकती है और राज्यों को इस कानून को लागू करना ही होगा।

Assembly Speaker who proposed against CAA said, states will have to implement CAA

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के बयान से कांग्रेस को मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि सीपी जोशी के विधानसभा अध्यक्ष के रहते राजस्थान में नागरिकता कानून के विरोध में प्रस्ताव पारित हुए हैं। राजस्थान सरकार तीसरी सरकार है जहां पर सीएए को लागू न करने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ है। हालांकि अभी तक कांग्रेस के कई नेता कह चुके हैं कि नागरिकता कानून का राज्य सरकारें विरोध नहीं कर सकती हैं। क्योंकि ये कानून संसद ने बनाया है। अभी तक पंजाब, राजस्थान में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। जबकि केरल और पश्चिम बंगाल में भी कानून के लिए प्रस्ताव पारित हुए हैं।

फिलहाल सीपी जोशी के बयान के बाद अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि राज्य सरकार ने विधानसभा में इसके लिए प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन अब एक तरह से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इसे असंवैधानिक बताया है। जोशी ने कहा कि राज्य सरकार इस कानून का विरोध लागू करने के लिए नहीं कर सकती है।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीपी जोशी के बयान का स्वागत करने हुए कहा कि जोशी से पहले शशि थरूर, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेसी नेता भी यही बात कह चुके हैं कि राज्य सरकारें इसका विरोध नहीं कर सकती हैं और राज्यों को इस कानून को लागू करना ही होगा।
 

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