सीबीआई के वकील ने कहा की मिशेल के दिल और दिमाग में कई ऐसे राज छिपे हुए है। जिसके लिए स्वतंत्र घूमने की इजाजत नही मिलनी चाहिए। सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में जांच जारी है, लिहाजा मिशेल को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अगर मिशेल जेल से बाहर आएगा तो जांच प्रभावित हो सकती हैं।
नई दिल्ली--अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मामले में गिरफ्तार मुख्य बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल को पटियाला हाउस कोर्ट से फिलहाल राहत नही मिली है। कोर्ट ने मिशेल की जमानत अर्जी पर सीबीआई की विशेष अदालत ने जिरह के बाद मिशेल को 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मिशेल से अब पूछताछ के लिए हिरासत में रखने की जरूरत नही है।
सीबीआई के वकील ने कहा की मिशेल के दिल और दिमाग में कई ऐसे राज छिपे हुए है। जिसके लिए स्वतंत्र घूमने की इजाजत नही मिलनी चाहिए। सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में जांच जारी है, लिहाजा मिशेल को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अगर मिशेल जेल से बाहर आएगा तो जांच प्रभावित हो सकती हैं।
सीबीआई के वकील ने कोर्ट से यह भी कहा कि उसकी पहुंच बहुत दूर तक है। मिशेल इतना प्रभावशाली है कि वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। और सबसे बड़ी बात यह है कि दुबई से प्रत्यपर्ण से पहले वो भागने के फिराक में था। वही मिशेल की वकील ने कोर्ट से कहा कि मिशेल अब तक सीबीआई की जांच में सहयोग करते आ रहे हैं। ऐसे में उन्हे जमानत दी जानी चाहिए।
मिशेल के वकील ने आगे कहा कि दुबई में मिशेल पहले ही 5 महीनों की हिरासत में रह चुके हैं। अब भारत में उन्हें और हिरासत में नहीं रखा जा सकता क्योंकि इस मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। मिशेल के वकील ने कोर्ट से यह भी कहा कि सीबीआई मिशेल से दुबई पांच बार जबकि दिल्ली में 15 की पूछताछ कर चुकी है।
ऐसे में और पूछताछ की जरूरत नहीं है और मिशेल डिस्लेक्सिया बीमारी के पीड़ित है लिहाजा जमानत दी जानी चाहिए। बता दें कि मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार किया गया था। और 4 दिसंबर को भारत को प्रत्यर्पित किया गया था। अदालत ने अब तक मिशेल को 14 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज चुका है। मिशेल इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियो में से एक है। इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे है। अन्य दो आरोपी गुइदो हास्के और कार्लो गेरोसा हैं।