mynation_hindi

ऑस्ट्रेलियाई राजदूत ने चुनाव में ईवीएम के प्रयोग को सराहा, कहा हमारे पास आज भी नहीं है ईवीएम

Published : May 12, 2019, 02:44 PM ISTUpdated : May 12, 2019, 03:55 PM IST
ऑस्ट्रेलियाई राजदूत ने चुनाव में ईवीएम के प्रयोग को सराहा, कहा हमारे पास आज भी नहीं है ईवीएम

सार

ऑस्ट्रेलियाई राजदूत, हरिंदर सिद्धू ने देश में इतने बड़े स्तर पर ईवीएम द्वारा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की तारीफ की। सिद्धू ने कहा कि हमारे पास इस तरह की सुविधा नहीं है और वहां पर आज भी बैलट पेपर के जरिए चुनाव होते हैं। सिद्धू ने ईवीएम के साथ ही वीवीपैट के इस्तेमाल को काफी अहम बताया। 

लोकसभा चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर विपक्षी दल कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। लेकिन भारत में आस्ट्रेलिया की राजदूत ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि हमारे देश में ईवीएम नहीं है और हम भी आज बैलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई राजदूत, हरिंदर सिद्धू ने देश में इतने बड़े स्तर पर ईवीएम द्वारा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की तारीफ की। सिद्धू ने कहा कि हमारे पास इस तरह की सुविधा नहीं है और वहां पर आज भी बैलट पेपर के जरिए चुनाव होते हैं। सिद्धू ने ईवीएम के साथ ही वीवीपैट के इस्तेमाल को काफी अहम बताया। असल में भारत में विपक्षी दल पिछले कुछ चुनावों से ईवीएम को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

यही नहीं विपक्षी दलों ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी मुलाकात की थी, ताकि ईवीएम के जरिए चुनाव न कराए जाएं। हालांकि आयोग ने उनकी मांग को दरकिनार कर दिया था। यही नहीं चुनाव के दौरान 50 फीसदी वीवीपैट के ईवीएम से मिलान पर भी विपक्षी दलों ने याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन भारत में चल रहे लोकसभा चुनाव में इस प्रणाली की ऑस्ट्रेलियाई राजदूत ने तारीफ की है।

आस्ट्रेलिया विकसित देशों की श्रेणी में आता है और वहां आज भी बैलट पेपर का इस्तेमाल चुनाव में किया जाता। सिद्धू ने कहा कि 'यह वास्तव में प्रेरणादायक अनुभव रहा है और मैं वास्तव में ईवीएम से प्रभावित हूं, हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में ये प्रणाली नहीं है। भारत में ये एक अच्छी प्रणाली है और संगठित भी है।'

PREV

Recommended Stories

श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
श्री बजरंग सेना अध्यक्ष हितेश विश्वकर्मा का अनोखा जन्मदिन, लगाएंगे एक लाख पौधे
Oshmin Foundation: ग्रामीण भारत में मानसिक शांति और प्रेरणा का एक नया प्रयास, CSR का एक उत्कृष्ट उदाहरण