सड़कों से हटेंगी आपकी स्लीपर बसें? NHRC के आदेश ने मचाई खलबली
राजस्थान बस हादसे के बाद NHRC ने बड़ा फैसला लिया है। सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाली खतरनाक स्लीपर बसों को सड़कों से हटाने का निर्देश दिया गया है।

हादसे के बाद सामने आईं खामियां
राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर 14 अक्टूबर, 2025 को हुए एक भयानक हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस घटना के बाद NHRC को मिली एक शिकायत में बताया गया कि बसों के डिजाइन में खतरनाक खामियां थीं। शिकायतकर्ता ने कहा कि ड्राइवर का केबिन पूरी तरह से अलग होने की वजह से ड्राइवर अंदर लगी आग को देख नहीं पाता और यात्रियों से भी बात नहीं कर पाता, जो मौतों का एक बड़ा कारण बना।
CIRT की जांच में हुए बड़े खुलासे
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) की जांच में पता चला कि बस को AIS-052 और AIS-119 जैसे जरूरी सुरक्षा मानकों के खिलाफ बनाया गया था। इसमें ये बड़ी खामियां सामने आईं…
* आग का पता लगाने और बुझाने वाले सिस्टम का न होना।
* ड्राइवर के केबिन का गलत डिजाइन।
* स्लीपर बर्थ पर गलत स्लाइडर्स का इस्तेमाल।
* इमरजेंसी दरवाजों की कमी। NHRC ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इन गलतियों से पूरी तरह बचा जा सकता था।
अनुच्छेद 21 का उल्लंघन
शिकायतकर्ता के अनुसार, इस तरह की खतरनाक बसें लोगों की जान जोखिम में डाल रही हैं। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 – जीने के अधिकार का उल्लंघन है। NHRC ने साफ कहा कि बस बनाने वालों की लापरवाही और जांच एजेंसियों की नाकामी ही इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है।
The National Human Rights Commission of India (NHRC) bench, headed by memeber Priyank Kanoongo, issued directions to all Chief Secretaries of states to remove all sleeper coach buses that violate safety norms. pic.twitter.com/MGCHSCeyVh
— ANI (@ANI) November 29, 2025
NHRC के अहम निर्देश
NHRC ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) को कुछ निर्देश जारी किए हैं।
सभी राज्यों को यह निगरानी करनी होगी कि AIS-052 और AIS-119 मानकों का सख्ती से पालन हो रहा है या नहीं। बस बनाने वालों और बॉडी बिल्डरों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का सिस्टम बनाया जाना चाहिए, ताकि वे सुरक्षा नियमों से बच न सकें।
इसके अलावा, राज्य सरकारों को भी कुछ निर्देश दिए गए हैं। इनके मुताबिक, CIRT द्वारा सुझाए गए सभी सुरक्षा बदलावों को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों को वापस बुलाकर ठीक किया जाए। सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर बसों को मंजूरी देने वाले अधिकारियों और निर्माताओं पर कार्रवाई की जाए। हादसे के पीड़ितों को मुआवजा और मदद दी जाए।
देशभर में खतरनाक बसों को वापस बुलाने की तैयारी
NHRC ने साफ कहा है कि जो स्लीपर बसें सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करतीं, वे देश की सड़कों पर नहीं चलनी चाहिए। बनाने में खामियां, मंजूरी प्रक्रिया में लापरवाही और सुरक्षा नियमों का पालन न करने जैसे कारणों के चलते, इस कार्रवाई से देशभर में ऐसी बसों को वापस बुलाया जा सकता है।