आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, रामपुर हिंसा में शामिल था करीबी, 150 दंगाई की हुई पहचान

By Team MyNationFirst Published Dec 25, 2019, 7:46 AM IST
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नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में रामपुर में जमकर हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। रामपुर की हिंसा में पुलिस ने अभी तक 150 दंगाईयों की पहचान की है। जिन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के रामपुर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा और तोड़फोड़ में प्रदर्शनकारियों की पहचान हो गई है। जिला पुलिस ने करीब 150 दंगाईयों की पहचान की है और इसमें एक दंगाई रामपुर के सांसद आजम खान का एक करीबी भी है। फिलहाल जिला प्रशासन ने दंगाईयों की पहचान कर सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में रामपुर में जमकर हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। रामपुर की हिंसा में पुलिस ने अभी तक 150 दंगाईयों की पहचान की है। जिन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। अब जिला पुलिस ने करीब 150 दंगाईयों की पहचान की है, जिन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। जिला प्रशासन का कहना है कि इन पर मुकदमें दर्ज कर दिए गए हैं और जल्द ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद इन से सरकारी संपत्ति को पहुंचे नुकसान की भरपाई की जाएगी।

इन दंगाईयों में रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान का एक करीबी भी शामिल थे। जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि हिंसा में करीब 15 लाख रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है और इसकी भरपाई दंगाईयों की जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के साथ ही रामपुर में इस कानून के विरोध में जमकर हिंसा हुई थी। जबकि पहले रामपुर शांत था।

माना जा रहा है कि कुछ विपक्षी दलों ने भीड़ को एकत्रित कर प्रदर्शनकारियों को भड़काया। जिसके बाद लोगों ने सरकारी संपत्ति को तोड़ा और उसे आग के हवाले कर दिया। फिलहाल राज्य की योगी सरकार ने दंगाईयों से वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी है। लखनऊ से लेकर राज्य के सभी जिलों में दंगाईयों को चिन्हित कर उनकी संपत्ति को सीज किया जा रहा है। अगर दंगाई जुर्माना सरकारी खजाने में जमा नहीं करते हैं तो राज्य सरकार उनकी संपत्ति की कुर्की करेगी।
 

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