समाजवादी के दिग्गज नेता आजम खां का गुरूर एक ही झटके में टूट गया। कभी रामपुर के प्रशासन को अपने इशारों में नचाने वाले आजम खां आज बेबस दिखे और धमकी देने के अलावा कुछ नहीं कर सके।
नई दिल्ली/ लखनऊ।
समाजवादी के दिग्गज नेता आजम खां का गुरूर एक ही झटके में टूट गया। कभी रामपुर के प्रशासन को अपने इशारों में नचाने वाले आजम खां आज बेबस दिखे और धमकी देने के अलावा कुछ नहीं कर सके।
असल में वाकया ये है कि रामपुर जिले में उर्दू गेट को नियमों के आधार पर तोड़ जाना था और सपा नेता धमकी दे रहे थे कि अगर गेट को तोड़ा गया तो विरोध करेंगे। डीएम ने कहा कि उर्दू गेट का एनओसी नहीं है, इसलिए इसको तोड़ना जरूरी है। इसके बाद आजम खां ने वहां के जिलाधिकारी आंज्यनेय कुमार सिंह को धमकी दी थी वह उर्दू गेट को तोड़ कर दिखांए। पहले तो जिलाधिकारी ने समझाने की कोशिश की, लेकिन आजम नहीं माने। इसके बाद डीएम के आदेश पर उर्दू गेट को तोड़ दिया गया।
इसके बाद आजम खान तरह के बयान देने लगे और कहने लगे कि अगर जिलाधिकारी में हिम्मत है तो गांधी समाधि गिराएं। इस प्रकरण के बाद आजम खान महज बेबस होकर रह गए। जिस रामपुर में उनकी भैंसों की चोरी के बाद पूरा जिला प्रशासन खोजबीन में लगा रहा। उसी रामपुर में अब प्रशासन उनके ड्रीम प्रोजेक्टों को तोड़ रहा है। कुछ दिन पहले जौहर विश्वविद्यालय को लेकर भी उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। यही नहीं उनके बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में भी उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है और अगर ये साबित होता है कि उन्होंने दो प्रमाण पत्र बनाये हैं तो उनके बेटे की विधायकी जा सकती है।
रामपुर जिले में उर्दू गेट तुड़वाने पर सपा नेता आज़म खां भड़क गए हैं। उर्दू गेट तुड़वाने को लेकर आजम खां ने रामपुर के डीएम आंजनेय कुमार सिंह को चुनौती दी है कि जिलाधिकारी में हिम्मत है तो गांधी समाधि गिराएं। उन्होंने तल्ख तेवर में कहा कि ये क्या बात हुई कि उर्दू गेट गिरा दिया। आजम तर्क देने लगे कि गांधी समाधि, सड़कें, नाले, पार्क, नगर पालिका, तारामण्डल, अस्पताल किसी की एनओसी नहीं है। इसलिए इन सबको गिरा देना चाहिए। आजम खान ने डीएम से कहा कि आप कलेक्टर हैं, तानाशाह नहीं हैं।