'बाहुबली' बनेगी देश की सेना, टी-90 टैंकों का भार सहने वाले तैयार हुए 54 पुल

जानकारी के मुताबिक बीआरओ ने अब तक इस साल में 54 पुलों को तैयार किया है। जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम माने जा रहे हैं। चीन से पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच बनाए जा रहे इन पुलों की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि युद्ध की स्थिति में भारी-भरकम टी-90 टैंक भी ले जाया जा सकता है।

Bahubali to become country's army, 54 bridges ready to bear T-90 tanks

नई दिल्ली। देश के दुश्मनों की बढ़ती साजिश के बीच आज केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों का उद्घाटन किया है। इन पुलों के बन जाने  के बाद देश की सेना को ताकत मिली है और सीमा पर मौजूद जवानों के लिए राहत सामाग्री और हथियार ले जाने में मदद मिलेगी। बीआरओ ने इन पुलों को रिकॉर्ड तय समय सीमा में तैयार किया है। ये 44 पुल देश के विभिन्न हिस्सों पर बनाए जा रहे 102 पुलों में से हैं। इससे पहले, 10 पुलों की शुरुआत हो चुकी है। 

जानकारी के मुताबिक बीआरओ ने अब तक इस साल में 54 पुलों को तैयार किया है। जो सामरिक दृष्टि से काफी अहम माने जा रहे हैं। चीन से पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच बनाए जा रहे इन पुलों की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि युद्ध की स्थिति में भारी-भरकम टी-90 टैंक भी ले जाया जा सकता है। बीआरओ के मुताबिक 44 पुलों में से 30 पुल लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक सीमा पर आने वाले रास्तों में आते हैं और इन पुलों के जरिए 70 टन का वाहन भी ले जा सकता है।

भारत का सबसे भारी-भरकम टैंक अर्जुन है, जिसका वजन तकरीबन 60 टन है। फिलहाल चीन के साथ उपजे विवाद के बाद भारतीय सेना ने अपने टी-90 भीष्म टैंक को भी भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात  कर दिया है और इसका वजन लगभग 45 टन है। इन पुलों के निर्माण से भारतीय सेना और ज्यादा मजबूत होगी क्योंकि सीमा पर सेना के पास  आसानी से रसद को पहुंचाया जा सकेगा और आवाजाही आसान होगी। बीआरओ का कहना है कि ये पुल सैनिकों और उनके हथियारों को सीमा तक पहुंचाने में काफी मददगार साबित होंगे। बीआरओ ने इस साल पुल बनाने के लक्ष्य को दोगुना कर दिया है और इस साल 102 पुलों का निर्माण किया जाना हा है और इसमें से अभी तक 54 पुलों का निर्माण किया जा चुका है और बाकी पुलों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।

इस महीने की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश में अटल टनल की शुरुआत की थी। इससे भारत चीन की सीमा पर पहुंचना आसान हो गया है। वहीं केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद भारत-चीन बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रचर बढ़ाने और मजबूत करने पर काफी जोर दिया गया है। फिलहाल केन्द्र सरकार ने देश में सीमा पर सड़कों और पुलों की जरूरत को देखते हुए बीआरओ के बजट  में इजाफा किया है। जहां 2008-2016 में 3,300 करोड़ रुपये का बजट था  वहीं 2020-21 में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक बजट हो गया। 

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