बलिया में गंगा नदी के उफान के बाद तटबंध टूटने का डर मंडराने लगा था। जिसके बाद वहां के विधायक सुरेन्द्र सिंह खुद ही तटबंध को बचाने के लिए रेत की बोरियां ढोने लगे।
बलिया: यहां के बैरिया विधानसभा से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने बाढ़ कटान को रोकने के लिए खुद बोरे को अपने हाथों से ढोकर दया छपरा रिंग बांध को टूटने से बचाया। वहीं इंजीनियर बाढ़ और ग्रामीणों और पुलिस ने क्षेत्र की जनता के साथ विनाशकारी रूप ले चुकी गंगा से आधी कट चुकी रिंग बांध रामगंढ गंगापार को कटने से बचाने के लिए हनुमान के रूप में नजर आए।
विधायक सुरेन्द्र सिंह ने अपने हाथो से ईट का बोरा भरे और रामगंढ गंगापार गांव को कटान से बचाते नजर आए तो अपनी ड्यूटी से ऊपर उठकर पुलिसकर्मीयो ने भी बांध को बचाने के लिए अपने हाथो से ईट की बोरिया लेकर पसीना बहाते नजर आए।
विधायक का कहना था कि ह हमारी विधानसभा की जनता है और इन्हें बचाना हमारा फर्ज है हम खुद बांस के बने बंम्बू मे ईटो से भरे बोरिया को बिछाकर बांध को बचा लेंगे। इस बेहद महत्वपूर्ण रिंग बांध व रामगढ़ गंगापार गांव को कटान से बचाने के लिए बिभाग के साथ जनप्रतिनिधि और पुलिस कर्मी भी मदद कर रहे है। बांध के टूटने पर 50 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में आ जाती। फिलहाल एहतियात के तौर पर आपदा प्रबंधन विभाग के जवानों और अधिकारियों को बुलाने के लिए भी जिले के उच्चधिकारियों ने भी निर्देशित कर दिया है।
गंगा की तेज धारा इस बांध को काटने पर आमादा है। अगर यह बांध टूट जाएगा तो 50 हजार की आबादी बुरी तरह प्रभावित होगी। फिलहाल गांव खाली कराया जा यह है और पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए गए है
शासन के तरफ से आई बाढ़ नियंत्रण के लिए करोड़ों रुपए आए थे। फिर भी तटबंध की मरम्मत नहीं हुई। जिसकी सजा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने बाढ विभाग के बाढ़ इंजीनियर वीरेंद्र सिंह से बोरी ढुलवा कर दिया कहा कि आपकी शिथिलता है और आप भी खुद बोरी ढोने का काम करें जिससे पता चले कि क्षेत्र की जनता को सेवा करने में कितना मेहनत लगता है