देखिए सुंदर बंचारी नाच, संस्कृति को संजोया जा रहा है किताबों में

Aug 11, 2018, 11:50 AM IST

बंचारी गांव ब्रज की 84 कोस की परिक्रमा में आता है। गांव में कई प्रसिद्ध कवि हुए हैं। जिस तरह से ब्रज की होली मशहूर है, उसी तरह बंचारी की होली भी काफी मशहूर है और यही कारण है कि होली के मौके पर देश ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैं। लेकिन इस खूबसूरत झलकियों को अब किताबों के माध्यम से लोगों के बीच प्रसारित कर इसमें रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाया जाएगा।


गुरुग्राम से इस बंचारी की धरोहर को संजो कर एक किताब बनाई जा रही है। जिससे हरियाणा पाठयक्रम एचवीएसयू में जोड़ा जाएगा। इसी के माध्यम से युवाओं को एक कोर्स के लिए भी आमंत्रित किया जा रहा है। जिसके बाद हरियाणा की सांस्कृति को दूसरे राज्यों में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचारित किया जाएगा जिससे देश में एक संस्कृति की अलग छाप छोड़ी जा सके। गुरुग्राम से संचालित इस यूनिवर्सिटी में इस कार्य को शुरू कर दिया है। जल्द ही इसमें युवाओं के एडमिशन शुरु करके उन्हें इसका पूरा 6 महीने का कोर्स कराया जाएगा।


ये कला पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को इतनी पसंद आई कि वे खड़े होकर तालियां बजाने लगे थे। ये पार्टी भारत के अलावा दुबई, आबूधाबी, शारजांह सहित अन्य जगहों पर भी कार्यक्रम पेश कर चुकी है। वहीं इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी इसपर एक कदम और बढ़ाते हुए इस कला को उनके फॉक डांस, गाने, नगाड़े, उनके लिरिक्स को किताबों में पिरोकर उन्हें कोर्स के रूप में कराने का निर्णय लिया है। जिससे देश-विदेश में हरियाणा की कला पता लगे और युवाओं को इसमें रोजगार मिल सके।