भाजपा को मिला झारखंड में साथी, यूपीए गठबंधन की बढ़ी मुश्किलें

By Team MyNationFirst Published Mar 9, 2019, 9:08 AM IST
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आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा को झारखंड में नया साथी मिल गया है। इससे राजग का कुबना बढ़ा है। 

नई दिल्ली।

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा को झारखंड में नया साथी मिल गया है। इससे राजग का कुबना बढ़ा है। राज्य में भाजपा 13 सीटों पर तो सहयोगी आजसू एक सीट पर चुनाव लड़ेगा। जबकि राज्य में कांग्रेस और उसके सहयोगी के बीच सीटों को लेकर तनातनी चल रही है।

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हुए समझौते के मुताबिक भाजपा झारखंड के 14 में से 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि आजसू एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगा। भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक में इस समझौते पर मुहर लगी। देर रात तक भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इस पर मुहर लगी। जिसमें झारखंड में भाजपा तथा आल झारखंड स्टुडेंट युनियन (आजसू) के साथ चुनावी तालमेल पर मुहर लगी।

इस समझौते पर लगी मुहर के बाद भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि राजग गठबंधन सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी। इस बैठक की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों अरूण जेटली, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह थावरचंद गहलोत, जे पी नड्डा तथा पार्टी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया।

BJP general secretary Bhupender Yadav: In Lok Sabha elections, Bharatiya Janata Party will fight on 13 out of 14 seats and All Jharkhand Students Union (AJSU) will fight on one seat from Jharkhand pic.twitter.com/cPBfSH1YXN

— ANI (@ANI)

इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी के प्रचार अभियान भी चर्चा की गयी। गौरतलब है कि पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक के बाद सत्तारूढ़ दल और कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। वहीं कांग्रेस ने सबको चौंकाते हुए 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। हालांकि अभी तक भाजपा ने अपने प्रत्याशी की सूची नहीं जारी की है।

लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी। गौरतलब है कि झारखंड में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले दम पर झारखंड में चुनाव लड़ा था और 14 में से 12 सीटें जीती थीं। वहीं कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठबंधन को मात्र 2 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
 

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