असल में कहा जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस अपने और ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाना चाहती है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने अपने ट्विटर एकाउंट में लिखा है कि 'झूठ ,चापलूस और दलाली करके तो मैं भी कब का दरिया पार कर जाता. लेकिन डुबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने।
रांची। मध्य प्रदेश में सरकार गिरने और राजस्थान में चली रही सियासी उठापटक के बीच अब झारखंड में कांग्रेस के मंत्री दावा कर रहे हैं कि राज्य में भाजपा कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। राज्य में कांग्रेस के बड़े नेता और सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव का दावा है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोशिश में हैं। हालांकि भाजपा का कहना है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत इस तरह के बयान दे रही है।
उरांव का कहना है कि कांग्रेस के कई विधायकों को भाजपा ने पैसे का प्रलोभन दिया और राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्हें खरीदने की कोशिश की गई थी। वहीं भाजपा राज्य में सरकार को गिराने के लिए लगातार विधायकों को प्रलोभन दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक मजबूत कांग्रेसी हैं और वह पार्टी को छोड़कर नहीं जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि राज्य में पिछले महीने हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने पैसा और पद का लालच कांग्रेस के विधायकों को दिया था।
असल में कहा जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस अपने और ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाना चाहती है और इसके लिए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति से काम कर रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने अपने ट्विटर एकाउंट में लिखा है कि 'झूठ ,चापलूस और दलाली करके तो मैं भी कब का दरिया पार कर जाता. लेकिन डुबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने। अंसारी सरकार में मंत्री नहीं बनाने जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं।
अंसारी अपने दुख कई रीट्वीट कर जताया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में जो हुआ है वो सबूत झारखंड में दिख जाएगा। क्या कांग्रेस का दिन रात झंडा ढोने वाले, मुखर, शिक्षित एमबीबीएस की डिग्री मंत्री पद के लिए काफी नहीं है। इसके लिए मैट्रिक फेल होना जरूरी है। यही समस्या कांग्रेस में है। वक्त के साथ बदलिए।
उधर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के मंत्रियों की सरकार में कोई हैसियत नहीं है वह अफसरों के ट्रांसफर तक तो नहीं करा पा रहे हैं। लिहाजा वह अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सोरेन सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। वहीं झारखंड में कोरोना की स्थिति काफी खराब है लिहाजा ऐसे वक्त में कांग्रेस के मंत्री ऐसे मुद्दों को उठाकर लोगों का ध्यान भटकाना चाह रहे हैं। वहीं ये भी कहा जा रहा कि राज्य में कांग्रेस के कई विधायक और नेता पार्टी से नाराज चल रहे हैं।