भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला की मुलाकात के बात ये तय हो गया था कि अब दोनों दल राज्य में मिलकर सरकार बना रहे हैं। लिहाजा रात 9:30 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा-जेजेपा गठबंधन का एलान किया। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत जेजेपी को उप मुख्यमंत्री समेत 3 मंत्री (दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) पद मिलेगा।
नई दिल्ली। दिवाली इस बार भाजपा के लिए एक बड़े झटके के बाद हरियाणा में खुशी लेकर आई है। हरियाणा में भाजपा की नई सरकार का रास्ता साफ हो गया। इसके लिए जननायक जनता पार्टी ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। लेकिन जेजेपी सरकार में शामिल होगी और उपमुख्यमंत्री का पद उसके कोटे में होगा। लिहाजा ये विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस लगातार जेजेपी को अपने तरफ करने को कोशिश कर रही थी। अगर भाजपा को निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिलता है तो राज्य में उसके पास 59 विधायकों का समर्थन हो जाएगा जो बहुमत के जादुई आंकडे़ 46 से 13 ज्यादा है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला की मुलाकात के बात ये तय हो गया था कि अब दोनों दल राज्य में मिलकर सरकार बना रहे हैं। लिहाजा रात 9:30 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा-जेजेपा गठबंधन का एलान किया। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत जेजेपी को उप मुख्यमंत्री समेत 3 मंत्री (दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) पद मिलेगा। वहीं ये तय जेजेपी को करना है कि राज्य में उसकी तरफ से उपमुख्यमंत्री कौन होगा। ये भी कहा जा रहा है कि दुष्ंयत चौटाला की मां नैना चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
आज भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। इसके लिए आज बैठक में सीएम के पद के लिए मनोहर लाल खट्टर के नाम की मुहर लगेगी। हालांकि कल ही जेजेपी नेता ने साफ कर दिया था कि वह हरियाणा में स्थायी सरकार देना चाहते हैं। लिहाजा ये आंकडा़ सिर्फ भाजपा के पास था। कांग्रेस के साथ जाने में सरकार को निर्दलीय विधायकों की मदद लेनी पड़ती जो पहले से ही भाजपा के समर्थन में उतरे हैं।
लिहाजा अगर सरकार बनने से पहले सरकार को बहुमत न मिलता तो पार्टी की किरकिरी होती। उधर अहमदाबाद से लौटे शाह ने दिल्ली में अपने आवास पर इस गठबंधन पर मुहर लगाई और उन्होंने पत्रकारों को बताया कि राज्य में दोनों दल मिलकर सरकार बनाएंगे। फिलहाल आ होने वाली बैठक में आलाकमान की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को पर्यवेक्षक के तौर चंडीगढ़ पहुंचेंगे।