ममता राज में एक बार फिर भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पर हमला

By Team MyNationFirst Published Dec 15, 2019, 9:33 AM IST
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पश्चिम बंगाल में हो रहे विरोध का निशाना भाजपा के नेता बन रहे हैं। वहीं इस कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सांसद अर्जुन सिंह की गाड़ी पर हमला किया गया। उनकी गाड़ी पर पत्थर और ईटों से हमला किया गया। इसके साथ ही उनकी गाड़ी के पास पेट्रोल बम फेंका गया। जिसमें वस बच गए। राज्य में प्रदर्शनकारी पिछले चार  दिनों से आक्रामक हैं और उन्होंने राज्य के मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशन में आग लगा दी और कई ट्रेनों में पथराव कर तोड़फोड की। 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून का जबरदस्त विरोध हो रहा है। असस और पूर्वोत्तर राज्यों शांत हो चुके हैं। लेकिन इस कानून की आग पश्चिम बंगाल में पहुंच चुकी है। इस कानून का विरोध राज्य के सभी जगहों पर हो रहा है और प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और आग लगा रहे हैं। वहीं प्रदर्शनकारी राज्य के भाजपा नेताओं को निशाना बना रहे हैं। राज्य में टीएमसी की सरकार और टीएमसी कार्यकर्ता भाजपा नेताओं पर सीधे पर हमला कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में हो रहे विरोध का निशाना भाजपा के नेता बन रहे हैं। वहीं इस कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सांसद अर्जुन सिंह की गाड़ी पर हमला किया गया। उनकी गाड़ी पर पत्थर और ईटों से हमला किया गया। इसके साथ ही उनकी गाड़ी के पास पेट्रोल बम फेंका गया। जिसमें वस बच गए। राज्य में प्रदर्शनकारी पिछले चार  दिनों से आक्रामक हैं और उन्होंने राज्य के मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशन में आग लगा दी और कई ट्रेनों में पथराव कर तोड़फोड की। प्रदर्शनकारियों को राज्य की टीएमसी सरकार का समर्थन है।

भाजपा सांसद अर्जुन सिंह का आरोप है कि राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों को समर्थन दे रही है और पुलिस मूकदर्शक बनी है। जानकारी के मुताबिक राज्य् में प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा-मुर्शिदाबाद में बसें, स्टेशन, दुकानें और टोल प्लाजा फूंके दी। इसके साथ ही मुस्लिम बहुसंख्यकों जिलों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। जिसके कारण लोग डर के मारे पलायन कर रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह किसी भी हाल में राज्य में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं करेंगी।

असल में इस कानून का प्रभाव पश्चिम बंगाल और असम में पड़ेगा। लिहाजा ममता सरकार इसका विरोध करेगी। हाल पिछले हफ्ते ही संसद के दोनों सदनों से इस बिल को मंजूरी मिल चुकी है और इस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर कर चुके हैं। वहीं गैर भाजपाशासित राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। इन राज्यों का कहना है कि ये कानून राज्यों के खिलाफ है।


 

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