पहली बार हुआ ऐसा कमाल, विपक्षियों को लगा तगड़ा झटका

By Gursimran Singh  |  First Published Sep 1, 2018, 12:21 PM IST

इस मुस्लिम बहुल इलाके को नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से इन दलों के प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं। भाजपा के लिए कारगिल में जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है।

लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, कारगिल के चुनाव में पहली बार भाजपा का खाता खुला है। पार्टी के उम्मीदवार स्टांजिन लपका जंस्कार सीट जीतने में  सफल रहे हैं। यहां की कुल 26 सीटों के लिए हुए 27 अगस्त को हुए चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस को 10,  कांग्रेस को 8, पीडीपी 2, भाजपा एक और निर्दलीय को 5 सीटें मिलीं। 

भाजपा के लिए कारगिल में जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मुस्लिम बहुल इलाके में हमेशा से ही नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के प्रत्याशी जीतते रहे हैं। यह इन दलों का गढ़ माना जाता है। 

अपनी हिंदूवादी छवि के चलते मुस्लिम बहुल इलाकों में जीत दर्ज करना भाजपा के लिए हमेशा मुश्किल रहा है। 

2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस 10, नेशनल कांफ्रेंस 8 सीटों पर विजय रही थी। वही निर्दलीय 6 सीटों पर अपना परचम लहराने में सफल रहे थे। दो उम्मीदवार बिना किसी मुकाबले के विजय घोषित कर दिए गए थे। 

गौरतलब है कि इन चुनावों में भाजपा की राज्य इकाई ने कारगिल में अपने पूरे काडर को भेजकर जमकर प्रचार किया। पार्टी की मेहनत रंग लाई और वह एक सियासी संदेश देने में भी कामयाब रही। 

'माय नेशन' से बात करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने इसे एक बड़ी कामयाबी बताया। उन्होंने कहा, यह आने वाले चुनावों का जनाधार है। दो-तिहाई मुस्लिम वोटों वाली सीट पर पार्टी की जीत से पता चलता है कि राज्य में भाजपा जम्मू से लेकर कारगिल तक फैल चुकी है। केंद्रीय नेतृत्व का शुक्रिया अदा करते हुए रैना ने कहा कि कारगिल के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'सबका साथ-सबका विकास' नीति का खुले दिल से स्वागत किया है।

वहीं कारगिल से फोन पर बात करते हुए विजयी उम्मीदवार स्टांजिन लपका ने 'माय नेशन' को बताया कि कारगिल की जनता ने 'सबका साथ-सबका विकास' अभियान को पूरी तरह सराहा है। प्रधानमंत्री मोदी के जोजिला टनल और कारगिल एयरपोर्ट के विस्तार प्रोजेक्ट्स की वजह से ही भाजपा यहां जीत पाई है। 

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