आदेश गुप्ता ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और पार्टी में कई पदों पर रहते हुए 2018 में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर चुने गए। वह भाजपा की दिल्ली इकाई में विभिन्न पदों पर भी रहे हैं। असल में माना जा रहा कि भाजपा ने गुप्ता पर बड़ा दांव खेला है। क्योंकि इसके जरिए भाजपा बनियों, या व्यापारियों और पंजाबियों को लुभा सकेगी।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष पर बड़ा दांव खेला है और मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर वेस्ट पटेल नगर से पार्षद आदेश कुमार गुप्ता को दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी है। गुप्ता को भोजपुरी अभिनेता से राजनेता और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद (सांसद), मनोज तिवारी की जगह प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि भाजपा की नजर अब नगरनिगमों के चुनाव में हैं। जहां पहले से ही भाजपा का दबदबा है।
आदेश गुप्ता ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और पार्टी में कई पदों पर रहते हुए 2018 में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर चुने गए। वह भाजपा की दिल्ली इकाई में विभिन्न पदों पर भी रहे हैं। असल में माना जा रहा कि भाजपा ने गुप्ता पर बड़ा दांव खेला है। क्योंकि इसके जरिए भाजपा बनियों, या व्यापारियों और पंजाबियों को लुभा सकेगी। जो आमतौर पर भाजपा का वोटर माना जाता है।
मनोज तिवारी 2014 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे और उन्हें भाजपा ने लोकसभा का टिकट दिया। हालांकि तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान पूर्वांचल लोगों को लुभाने के लिए की गई थी। हालांकि भाजपा को इसका फायदा लोकसभा चुनाव में तो मिला। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा का ये दांव नहीं चला। फरवरी में राज्य में हुए चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि दिल्ली में भाजपा किसी अन्य को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपेगी।
हालांकि राज्य में भाजपा की सीटों में इजाफा हुआ और वह 70 में से केवल आठ सीटें जीतने में सफल रही। जबकि उससे पहले भाजपा के महज दो विधायक थे। हालांकि नगरपालिका चुनावों में तीसरी बार भाजपा ने जीत हासिल की। असल में भाजपा इससे पहले भी पार्षद को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप चुकी है। इससे पहले भाजपा ने दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर से पार्षद सतीश उपाध्याय को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।