भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर की कोशिश से हुई थी विजय दिवस के जश्न की शुरुआत, यूपीए-1 के दौरान कांग्रेस ने सेलिब्रेशन से किया था इनकार

By Team MyNation  |  First Published Jul 26, 2019, 11:55 AM IST

असल में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-एक सरकार ने विजय दिवस का आयोजन बंद कर दिया था और वह यूपीए—दो में भी इसे नहीं आयोजित करना चाहती थी। क्योंकि कांग्रेस के तर्क थे कि ये युद्ध भारत की जमीन पर लड़ा गया है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इसके लिए मुहिम शुरू की। जिसके बाद यूपीए-दो में इसे फिर से शुरू किया गया। राजीव चंद्रशेखर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी के रणनीतिकारों में माने जाते हैं। चंद्रशेखर की पहल पर ही कांग्रेस सरकार ने विजय दिवस मनाने पर सहमति दी।

-यूपीए- दो में भी विजय दिवस को न मनाने की थी तैयारी

आज कारगिल विजय दिवस की बीसवीं सालगिरह है। पूरा देश आज इस जीत के मौके पर जश्न मना रहा है। आज के दिन बीस साल पहले भारतीय सेना ने भारत की चोटियों पर कब्जा किए पाकिस्तानी सेना को मार भगाया था। जिसके बाद इसे विजय दिवस के तौर पर मनाया गया। आज हम आपको एक और सच्चाई से रूबरू कराते हैं।

जो शायद की बहुत कम लोग जानते होंगे। असल में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-एक सरकार ने विजय दिवस का आयोजन बंद कर दिया था और वह यूपीए—दो में भी इसे नहीं आयोजित करना चाहती थी। क्योंकि कांग्रेस के तर्क थे कि ये युद्ध भारत की जमीन पर लड़ा गया है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इसके लिए मुहिम शुरू की। जिसके बाद यूपीए-दो में इसे फिर से शुरू किया गया।

My annual tradition on - paying homage n respects to bravehearts who served n sacrificed 🙏🏻💐

All these years i used to visit n this year was first time at the 🙏🏻 pic.twitter.com/FnUVZM3r5J

— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@rajeev_mp)

राजीव चंद्रशेखर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी के रणनीतिकारों में माने जाते हैं। चंद्रशेखर की पहल पर ही कांग्रेस सरकार ने विजय दिवस मनाने पर सहमति दी। दिलचस्प ये है कि कांग्रेस विजय दिवस के पूरी तरह से खिलाफ थी। कांग्रेस के सांसद राशिद अल्वी ने 2009 में यहां तक कह दिया कि हम ऐसा कोई कारण नहीं देखते हैं कि देश में कारगिल विजय दिवस के मौके पर कोई जश्न मनाया जाए।

कांग्रेस के तर्क थे कि युद्ध भारत की धरती पर लड़ा गया है। यही नहीं उनका कहना था कि युद्ध एनडीए सरकार के दौरान लड़ा गया और वो चाहे तो इसका जश्न मना सकते हैं। लिहाजा कांग्रेस यूपीए दो सरकार में भी कारगिल विजय दिवस का आयोजन न करने की तैयारी में थी। जबकि यूपीए -एक में तो कांग्रेस सरकार ने इसका आयोजन किया ही नहीं। 

लेकिन भाजपा के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने विजय दिवस के आयोजन के लिए राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को  21 जुलाई 2009 को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि वह सभापति से कारगिल विजय दिवस को एक महत्वपूर्व घटना के तौर पर राज्यसभा में उल्लेख करने की अनुमति चाहते थे।

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— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@rajeev_mp)

राजीव चंद्रशेखर ने विजय दिवस के आयोजन के लिए रक्षा मंत्रालय और भारत सरकार से अपील भी की। उन्होंने लिखा कि कारगिल विजय दिवस पर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए और इसे दलगत राजनीति से बाहर रखा जाए। लिहाजा 2010 में राजीव चंद्रशेखर की मुहिम रंग लाई और तत्कालीन रक्षा मंत्री ने चंद्रशेखर को पत्र लिखकर जानकारी दी कि अब हर साल कारगिल विजय दिवस के मौके पर आधिकारिक तौर पर जश्न मनाया जाएगा।

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