किसानों के खाते में राशि डालने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में दो हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को कवर किया गया है। भारत के किसानों में से 86.2% इसी दायरे में आ जाते हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल के अंतिम बजट में सभी वर्गों को साधकर विपक्ष को तगड़ा झटका दे दिया है। 'माय नेशन' का आकलन है कि तीन बड़ी योजनाओं के चलते सरकार ने एक बड़े लाभार्थी तबके को कवर कर लिया। यह अगले आम चुनावों में भाजपा की सत्ता वापसी में बड़ी भूमिका निभा सकता है। कुल मिलाकर इन कदमों से भाजपा 25.5 करोड़ वोटरों को साधती नजर आ रही है।
किसानों के खाते में राशि डालने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में दो हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को कवर किया गया है। भारत के किसानों में से 86.2% इसी दायरे में आ जाते हैं।
गत वर्ष सितंबर में जारी 2015-16 की कृषि जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 86.2 प्रतिशत किसान दो हेक्टेयर या पांच एकड़ से कम जमीन के मालिक हैं। इन तरह के किसान परिवारों की संख्या 12.5 करोड़ रुपये है।
अगर मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा वर्ग को दी गई छूट पर नजर डाली जाए तो पांच लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वालों को टैक्स में छूट दी गई है। इसका सीधा लाभ तीन करोड़ नौकरी पेशा लोगों को होगा।
असंगठित क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना की शुरुआत की गई है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों को इस पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत 60 साल की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों, घरेलू सहायकों, साफ-सफाई करने वालों को 3000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी। इसके लिए उन्हें 100 रुपये प्रतिमाह का योगदान करना होगा।
अगर सभी को जोड़ लिया जाए तो मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने चुनाव से पहले देश के 25.5 करोड़ वोटरों तक सीधी पहुंच बनाने का प्रयास किया है, ताकि सभी उनके पक्ष में वोट कर सकें।