पिछली बार महाराष्ट्र में भाजपा ने 24 और शिवसेना ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। एनडीए ने महाराष्ट्र में बड़ी जीत हासिल करते हुए 48 में से 46 सीटें झटक ली थीं।
महाराष्ट्र में लगातार तीखी बयानबाजी के बीच एनडीए के दोनों प्रमुख दलों भाजपा और शिवसेना में लोकसभा सीटों को लेकर सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं गठबंधन के सहयोगी अन्य दलों जैसे रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को भी सीट बंटवारे में जगह दी जाएगी।
पिछली बार राज्य में भाजपा ने 24 और शिवसेना ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। एनडीए ने महाराष्ट्र में बड़ी जीत हासिल करते हुए 48 में से 46 सीटें झटक ली थीं।
सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि भाजपा, शिवसेना को बराबर सीटें देने पर राजी हो गई है। वह नहीं चाहती कि दोनों दलों के बीच चल रही तनातनी लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रत्याशी की हार का कारण बने। महाराष्ट्र विधानसभा में सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना लगातार यह आरोप लगाती रही है कि भाजपा उसे निपटाने की फिराक में है। लोकसभा के लिए बनी सहमति से शिवसेना का यह आरोप भी खारिज हो गया है।
इस समझौते से भाजपा ने एनडीए के सहयोगियों को भी सकारात्मक संदेश भेजा है। कई दल क्षेत्रीय दलों के मामले में भाजपा को 'निर्मम' मानते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना को बराबरी की सीटें देकर पार्टी ने सभी सहयोगियों को उनका ध्यान रखे जाने का संदेश दिया है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों ही दल जल्द ही अपने फैसले का ऐलान कर सकते हैं। महाराष्ट्र में बनी सहमति कमोबेश बिहार में अपनाए गए फार्मूले की ही तरह है। जहां भाजपा ने ज्यादा सीटों के रूख से पीछे हटते हुए जेडीयू को बराबर सीटें दी हैं।
उधर, भाजपा के खिलाफ हो रही महागठबंधन की कोशिशें अभी पूरी तरह आकार नहीं ले पाई हैं। सभी दलों में अहम का टकराव देखने को मिल रहा है।