ये है बीजेपी का 2019 का चुनाव जीतने का यूपी फॉर्मूला

By Siddhartha Rai  |  First Published Nov 23, 2018, 5:57 PM IST

समाजवादी पार्टी  और बहुजन समाज पार्टी की जाति आधारित राजनीति को तोड़ने के लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सोशल इंजीनियरिंग का दूसरा प्रयोग शुरु कर दिया है। 

यूपी बीजेपी के सूत्रों ने खबर दी है कि पार्टी नवंबर के अंत तक यूपी की राजधानी लखनऊ में अनुसूचित जाति के तहत आने वाली छह बड़े सम्मेलन का आयोजन करेगी। 

पार्टी कार्यकर्ता इन छह विशाल सभाओं को लेकर बहुत उत्साहित है, जिन्हें 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' कहा जा रहा है। लेकिन वास्तविक योजना और बड़ी है। 

2019 के अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश भाजपा की योजनाओं के केन्द्र में है। पिछली बार यानी 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी से बीजेपी ने 80 सीटों में से 71 सीटें जीत ली थीं। जबकि यहां सपा और बसपा जैसे दो प्रबल क्षेत्रीय प्रतिद्वंदी मौजूद थे। 

बीजेपी एक बार फिर उसी प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। 

पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों से मिली जानकारी के मुताबिक जो छह बड़ी बैठकें कराई जा रही हैं उसमें से प्रत्येक में दो से तीन प्रमुख दलित जातियां शामिल की जाएंगी। इस सम्मेलन में संबंधित जातियों के स्थानीय प्रभावशाली लोगों की मौजूदगी होगी जो कि मतदान के समय बूथ स्तर पर मैनेजमेन्ट करा सकते हैं। 

यूपी बीजेपी के प्रवक्ता चंद्र मोहन ने माय नेशन को बताया कि “हम अपने एससी मोर्चा के तहत अनुसूचित जातियों के सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं। प्रस्तावित बैठकें हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगी। क्योंकि हम सबका साथ, सबका विकास में विश्वास करते हैं।"

उधर ओबीसी वोट जुटाने के लिए बीजेपी पिछड़ी जातियों के बीच  'प्रबुद्ध सम्मेलन' का आयोजन करेगी। हाल ही में, पार्टी ने पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधियों की एक बड़ी बैठक आयोजित की थी और इससे राज्य भर के मतदाताओं के उपर इस बड़े चुनाव के दौरान अच्छा असर दिखेगा। 

बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि भले ही पिछले चुनाव में सपा ने मात्र पांच और बीएसपी ने एक भी सीट नहीं जीती थी। लेकिन उनके वोट शेयर अभी भी बड़े हैं। जहां सपा ने 22 प्रतिशत वोट झटके थे, वहीं बीएसपी भी 20 फीसदी वोट जुटाने में कामयाब रही थी। 

लेकिन वह दावा करते हैं कि बीजेपी अपनाई गई द्वारा सोशल इंजीनियरिंग  2019 में फिर से एक बार इस वोट प्रतिशत को सीटों की संख्या में बदलने का अवसर नहीं देगी। 
 

click me!