राज्य में ये कांग्रेस की बड़ी हार मानी जा रही है। क्योंकि पार्टी के रणनीतिकार और ताकतवर नेता अहमद पटेल गुजरात से ही आते हैं और गुजरात के मामलों में उनका बड़ा दखल माना जाता है। उसके बावजूद पार्टी की स्थिति काफी खराब हो रही है। यहां पर कांग्रेस को महज एक सीट मिली है। लिहाजा इससे राज्य में कांग्रेस की दिन प्रतिदिन खराब होती स्थिति को समझा जा सकता है। चौंकाने वाली बात ये है कि नगर निगम चुनाव में एनसीपी को चार सीटें मिली हैं।
कर्नाटक में कांग्रेस को बड़ी हार मिलने के बाद अब गुजरात में भी पार्टी को एक बड़ी हार से रूबरू होना पड़ा है। राज्य के जूनागढ़ नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी का एक तरह से सूपड़ा साफ हो गया है। नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 60 में से 51 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि एनसीपी को चार सीटें मिली हैं वहीं कांग्रेस को महज एक सीट मिली है।
राज्य में ये कांग्रेस की बड़ी हार मानी जा रही है। क्योंकि पार्टी के रणनीतिकार और ताकतवर नेता अहमद पटेल गुजरात से ही आते हैं और गुजरात के मामलों में उनका बड़ा दखल माना जाता है। उसके बावजूद पार्टी की स्थिति काफी खराब हो रही है। यहां पर कांग्रेस को महज एक सीट मिली है।
लिहाजा इससे राज्य में कांग्रेस की दिन प्रतिदिन खराब होती स्थिति को समझा जा सकता है। चौंकाने वाली बात ये है कि नगर निगम चुनाव में एनसीपी को चार सीटें मिली हैं। भाजपा ने इस बार चुनाव में पिछली चुनावों की तुलना में सात सीटें ज्यादा जीती हैं। फिलहाल इस जीत के लिए राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने जनता को बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि जनता ने अपना कीमती वोट पार्टी पर विश्वास जताया है। राज्य सरकार जूनागढ़ के लिए हर संभव मदद देगी। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अभी तक हार स्वीकार नहीं कर पा रही है। गौरतलब है कि नगर निगम की 60 सीटों में से 56 सीटों के लिए 21 जुलाई को चुनाव हुआ था।
जबकि तीन सीटों पर पहले से ही भाजपा के उम्मीदवार विजयी घोषित कर दिए गए थे। फिलहाल कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद एनसीपी चार सीटों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बन गयी है। वहीं जूनागढ़ में कांग्रेस को तब बड़ा झटका लगा जब पार्टी के शहर अध्यक्ष विनू अमीपरा ने इस इस्तीफा दे दिया और भाजपा का दामन थाम लिया।