राहुल पर भाजपा का तीखा पटलवार, राहुल बाबा की मम्मी के पीएमओ और मोदी पीएमओ में जमीन आसमान का फर्क

By Team MyNationFirst Published May 9, 2020, 7:51 PM IST
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 जफरूल इस्लाम के बारे में नकवी ने कहा कि उन्हें दिल्ली सरकार ने नियुक्त किया है औरअगर कोई हमारी सरकार में इस तरह के बयान देता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाती। इसके लिए दिल्ली सरकार  को सोचना चाहिए।

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा ने तीखा हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस शासन काल के पीएमओ और भाजपा के पीएमओ में जमीन आसमान का अंतर है। भाजपा नेता और केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास मंत्री ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कि राहुल बाबा(राहुल गांधी) की मम्मी(सोनिया गांधी) के पीएमओ और पीएम मोदी जी के पीएमओ में जमीन आसमान का अंतर है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान कांग्रेस राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है और देश में संसाधानों की कमी के बावजूद आज कोरोना का खतरा कंट्रोल किया गया है। वहीं अब राहुल गांधी लोगों को डराकर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु एप से डेटा असुरक्षा को लेकर राहुल गांधी देश को डरा रहे हैं। उन्होंने सीधे तौर पर राहुल गांधी पर डर फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी जी के पीएमओ है राहुल की मम्मी की पीएमओ में जमीन आसमान का फर्क है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को मम्मी के पीएमओ और मोदी जी के पीएमओ में फर्क समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में आज उम्मीद की जरूरत है बल्कि डराने की जरूरत नहीं है।  वह डर पैदाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अगर सुझाव देने हैं तो उन्हें स्वीकार किया जाएगा। लेकिन गुमराह करने की कोशिशों को नहीं। वह लोगों में डर पैदा कर सियासी रोटियां सेंकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान मोदी जी वहां पर मुख्यमंत्री थे और उन्होंने जिस तरह से काम किया, वह दुनिया में मिसाल बन गया।

आज कोरोना संकट काल में मोदी जी के साथ 130 लोगों का साथ है और  आज सभी लोगों ने साथ दिया है और समाज ने उनके दिशानिर्देशों का पालन किया है। जफरूल इस्लाम के बारे में नकवी ने कहा कि उन्हें दिल्ली सरकार ने नियुक्त किया है औरअगर कोई हमारी सरकार में इस तरह के बयान देता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाती। इसके लिए दिल्ली सरकार  को सोचना चाहिए।

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