भारतीय रेलवे और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन, देश का सबसे लंबा सड़क और रेलवे पुल शुरु

By Team MyNation  |  First Published Dec 3, 2018, 4:34 PM IST

भारत ने चीन से लगी सीमा रेखा के पास अपने सबसे लंबे सड़क और रेलवे पुल को खोल दिया है। रक्षा की दृष्टि से अहम इस पुल पर सोमवार से परिचालन शुरू हो गया है।

भारत ने चीन से लगी सीमा रेखा के पास अपने सबसे लंबे सड़क और रेलवे पुल को खोल दिया है। रक्षा की दृष्टि से अहम इस पुल पर सोमवार से परिचालन शुरू हो गया है। असम के दिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट को जोड़ने वाले इस ब्रिज को बोगीबील नाम से भी जाना जाता है। 

यह पुल भारत का सबसे लंबा रोड-सह-रेल पुल है। जो 4.94 किमी लम्बा है। रेलवे मंत्री पियुष गोयल ने ट्वीट किया कि यह पुल उत्तर-पूर्व में कनेक्टिविटी के दरवाजों को खोलता है।

Historic Day for Railways: In a milestone event, the 1st freight train ran on Bogibeel Bridge, India's longest road-cum-rail bridge with a phenomenal stretch of 4.94 kilometres, connecting Assam with Arunachal Pradesh & opening the doors to enhanced connectivity in the North-East pic.twitter.com/bH97RODDSf

— Piyush Goyal (@PiyushGoyal)

पुल के बारे में कुछ दिलचस्प बातें

1. इस परियोजना को 1996 में मंजूरी दी गई थी। 2002 में भाजपा की अगुआई वाली एनडीए सरकार ने पुल का निर्माण शुरू करवाया था। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने 2007 में इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का नाम दिया था। 

2. यह पुल एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल है। इस पुल के नीचे डबल रेल लाइन है वहीं पुल के उपर तीन लेन वाली सड़क है।

3. यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी के पानी के स्तर से 32 मीटर ऊपर बना है। यह पुल स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले ब्रिज की तरह दिखता है।

4. यह पुल अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमारेखा के पास लॉजिस्टिक सुविधाओं को सुधारने के लिए भारत द्वारा चलाई जा रहीं नियोजित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का हिस्सा है।

5. अन्य परियोजनाओं में ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग का निर्माण और शक्तिशाली और सहायक नदियां जैसे दीबांग, लोहित, सुबानसिरी और कामेंग पर नई सड़क और रेल लिंक का निर्माण शामिल है।

6. अभी तक अरुणाचल के लिए रेल और सड़क परिवहन असम के तीन पुलों के माध्यम से होता आ रहा है। जिसमें बोंगाईगांव जिले में जोगिगोपा, गुवाहाटी के पास साराघाट और सोनियापुर और नागांव के बीच कोली-भोमोरा शामिल है।

7. इसके अलावा दूसरा मार्ग नौका मार्ग  है, लेकिन यह भारी माल के लिए सही नहीं है। वहीं मई-अक्टूबर के बीच छह महीने के लिए मानसून के कारण नौका सेवाओं पर भी असर  पड़ता है। जिसके कारण जल परिवहन में बाधा भी आती है।

8. सरकार के लिए यह ब्रिज पूर्वोत्तर में विकास का प्रतीक है और साथ ही तेजपुर से आपूर्ति प्राप्त करने के लिए चीन सीमा पर स्थित सशस्त्र बलों के रणनीतिक कदमों को सुलझाने के अहम रणनीति का हिस्सा भी है।

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