लखनऊ में एप्पल के एरिया जनरल मैनेजर विवेक तिवारी शुक्रवार की रात को डेढ़ बजे अपने सहयोगी सना के साथ गाड़ी से लौट रहे थे। रास्ते में तैनात कांस्टेबलों ने उनकी गाड़ी को रुकने का इशारा किया। लेकिन विवेक रुके नहीं। जिसके बाद कांस्टेबलों ने अपनी सर्विस पिस्टल से गोली चला दी, जो कि सीधा विवेक के गले में जा लगी।
लखनऊ- यूपी पुलिस का एक और बेरहम चेहरा सामने आया है। मामूली सी बात पर मल्टीनेशनल एप्पल कंपनी के एक एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को दो कांस्टेबलों ने गोली मार दी। यह घटना लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर की है।
इस घटना के बाद जब दबाव बढ़ा, तो लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने खुद सामने आकर प्रेस कांफ्रेन्स की और बताया, कि दोनो आरोपी कांस्टेबलों को गिरफ्तार भी कर गया है। उनके उपर धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी ने बताया, कि दोनों कांस्टेबलों ने तैश में आकर गोली चलाई। यूपी पुलिस के डीजीपी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित भी कर दी है, जिसकी अध्यक्षता लखनऊ के आईजी करेंगे। एसपी क्राइम(लखनऊ) और एसपी ग्रामीण(लखनऊ) भी इस एसआईटी के सदस्य होंगे।
A SIT has been formed under SP crime. I have personally sent a request to District Magistrate for a magisterial inquiry into the incident: Kalanidhi Naithani, SSP Lucknow on death of Lucknow resident, Vivek Tiwari pic.twitter.com/pJ6mtSyho8
— ANI UP (@ANINewsUP)इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मीडिया के सामने आए और कहा, कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा और जरुरत हुई तो इस मामले में सीबीआई जांच भी कराई जाएगी।
It was not an encounter. An investigation will be conducted in this incident. If needed, we will order a CBI inquiry into the incident: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath on death of Lucknow resident Vivek Tiwari pic.twitter.com/lpxiDGHjEz
— ANI UP (@ANINewsUP) गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की है।
इस घटना की तफसील में जाएं, तो कुछ ऐसी कहानी सामने आती है। एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी शुक्रवार की रात को डेढ़ बजे अपने सहयोगी सना के साथ गाड़ी से लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस बैरिकेड पर तैनात कांस्टेबलों ने उनकी गाड़ी को रुकने का इशारा किया। लेकिन विवेक रुके नहीं। जिसके बाद कांस्टेबलों ने अपनी सर्विस पिस्टल से गोली चला दी, जो कि सीधा विवेक के गले में जा लगी। इस घटना के बाद गंभीर रुप से घायल विवेक को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस मामले में मृतक की पत्नी कल्पना का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। उन्होंने बताया कि वह जानती थीं, कि उनके पति और सना साथ में थे। उनकी कुछ ही देर पहले अपने पति से बात हुई थी। कल्पना ने अपने पति के शव का अंतिम संस्कार कराने से भी मना कर दिया है।
Kalpana Tiwari,wife of deceased Vivek Tiwari says,"Police had no right to shoot at my husband,demand UP CM to come here&talk to me." He was injured&later succumbed to injuries after a police personnel shot at his car late last night,on noticing suspicious activity pic.twitter.com/buJyDWts5n
उधर गिरफ्तार किए गए आरोपी कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने बयान दिया है, कि जब उन्होंने विवेक तिवारी की गाड़ी को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने मेरे उपर ही गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। जिसके बाद मैनें आत्मरक्षा में गोली चला दी।
At 2 am last night, I saw a suspicious car with its lights off, when I approached the car, the driver (Vivek Tiwari) tried to run over me thrice to kill me. I fired a bullet in self-defence, he then immediately took off from the spot: Police constable Prashant Chaudhary pic.twitter.com/ZSLiATeCU6
— ANI UP (@ANINewsUP)उधर विवेक तिवारी की सहयोगी सना इस घटना से बुरी तरह घबराई हुई हैं। वह इस घटना की चश्मदीद हैं। उनके बयान के मुताबिक आरोपी कांस्टेबल ने बाइक से कार को खदेड़कर गोली चलाई। जो कि सीधा हत्या का मामला बनता है।
Car hadn’t stopped anywhere, it was moving. Probably, because a girl was sitting with him&the area was Gomti Nagar, he (the policeman) came from wrong side&shouted on us. It made no sense: Woman who was present with Vivek Tiwari when he was shot at by Lucknow police last night. pic.twitter.com/j91ktLXPaw
— ANI UP (@ANINewsUP)इस घटनाक्रम को बारीकी से देखें, तो यह साफ पता चलता है कि कांस्टेबल प्रशांत चौधरी और विवेक तिवारी में किसी बात को लेकर झड़प हुई। जिसके बाद सीधा हत्या के उद्देश्य से गोली चलाई गई। अगर पुलिस को भागती हुई गाड़ी को रोकना होता, तो गोली गाड़ी के टायर पर चलाई जाती। इसके बाद आरोपी को रोककर उसकी गिरफ्तारी की जाती और अदालत में पेश किया जाता।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बल्कि सीधा गले में गोली मारी गई। जो कि जानलेवा साबित हुई।