सर्जिकल स्ट्राइक की वर्षगांठ पर पूर्व सेना प्रमुख का बड़ा बयान

By Team MynationFirst Published Sep 29, 2018, 4:33 PM IST
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पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने कहा, 'हम पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश देना चाहते थे कि एलओसी पार कर सकते हैं। हम उन्हें मार सकते हैं, उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।' 

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को दो साल पूरे हो गए हैं। तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल (रिटा.) दलबीर सुहाग ने उड़ी आतंकी हमले के बाद सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कई बातें साझा की हैं। उन्होंने ये सब ऐसे समय में कहा है, जब देशभर में भारतीय सेना के शौर्य और साहस को दिखाने के लिए पराक्रम पर्व मनाया जा रहा है। 

एक एजेंसी को पूर्व सेना प्रमुख ने बताया कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के पहले 23 सितंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस विकल्प के बारे में बताया था। 'उचित विचार-विमर्श के बाद प्रधानमंत्री ने इस विकल्प को मंजूरी दे दी थी। हमने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया और देश को गौरवान्वित किया।' जनरल सुहाग ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय की सराहना करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया यह एक बहुत ही साहसी निर्णय था।'

We wanted to send a strong message (to Pakistan) that we can cross LoC. We can hit them, cause major damage & also return without casualty. This was a difficult option, more challenging, but we exercised it to send a message that we can do it: Retired General Dalbir Singh Suhag pic.twitter.com/MmUhBKPYoi

— ANI (@ANI)

जनरल सुहाग ने कहा, 'हम पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश देना चाहते थे कि हम एलओसी पार कर सकते हैं। हम उन्हें मार सकते हैं, उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं, और बिना किसी नुकसान के सुरक्षित वापस लौट सकते हैं।' सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, 'यह एक कठिन विकल्प (सर्जिकल स्ट्राइक) था।  यह अधिक चुनौतीपूर्ण भी था, लेकिन हमने एक संदेश भेजने के लिए इसे अंजाम दिया। हम बताना चाहते थे कि हम ऐसा भी कर सकते हैं।'

उधर, सर्जिकल स्ट्राइक के समय उत्तरी कमान के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) डीएस हुड्डा ने सरकार द्वारा 'पराक्रम पर्व' मनाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह पता लगना चाहिए कि हमारे जवानों ने किन परिस्थितियों में इस मिशन को अंजाम दिया। वह किन परिस्थितियों में देश की सुरक्षा में जुटे हुए हैं। 
 

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