कर्नाटक में भाजपा की चौथी बार सरकार बनने जा रही है। इस बार भी राज्य की कमान वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को मिल है। वह आज चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। ऐसा माना जा रहा कि वह आज शाम को छह बजे मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। हालांकि इस खबर को कुछ दिन पहले ही माय नेशन से प्रकाशित कर दिया था कि येदियुरप्पा शुक्रवार को मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे।
कर्नाटक में सियासी उठापटक का दौर खत्म हो गया है। अब राज्य में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। पार्टी के दिग्गज नेता और प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के पद की कमान संभालने जा रहे हैं। दो दिन पहले उनकी दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात हुई थी। जिसके बाद आज उन्हें राज्य में सरकार बनाने के लिए हरी झंडी मिल गयी है।
कर्नाटक में भाजपा की चौथी बार सरकार बनने जा रही है। इस बार भी राज्य की कमान वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को मिल है। वह आज चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। ऐसा माना जा रहा कि वह आज शाम को छह बजे मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे।
हालांकि इस खबर को कुछ दिन पहले ही माय नेशन से प्रकाशित कर दिया था कि येदियुरप्पा शुक्रवार को मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। उन्होंने आज सुबह 10 बजे राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। हालांकि कल तक ये अटकलें भी लगाई जा रही थी कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष ने कल तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
आज शाम को शपथ लेने वाली सरकार को 31 जुलाई को बहुमत साबित करना होगा। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो सका है कि येदियुरप्पा के साथ कितने विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। गौरतलब है कि राज्य में मंगलवार को भारी सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सदन में बहुमत न होने के कारण गिर गई थी।
जिसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया था। उधर राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि 'मैंने गवर्नर से अभी मुलाकात की है और आज शाम 6 बजे मैं मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा। राज्य की विधानसभा में भाजपा के पास 105 विधायकों का समर्थन है जबकि कांग्रेस और जेडीएस सरकार के पास महज 99 विधायकों का समर्थन हासिल है।
विधानसभा अध्यक्ष अभी भी हैं निर्णायक भूमिका में
असल में अभी भी पूरी बाजी विधानसभा अध्यक्ष के हाथ में है। भले ही राज्य में कुमारस्वामी सरकार गिर गयी हो। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार को कांग्रेस और जेडीए के बागी विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करना है। जबकि कल ही उन्होंने तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
उन्हें दलबदल कानून के जरिए अयोग्य घोषित किया गया है। जिसके तहत तीनों अब अगले विधानसभा चुनाव तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। वहीं अगर बाकी विधायकों को वह अयोग्य घोषित नहीं करते हैं तो भाजपा को सदन में 111 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।