पीएम मोदी को वाराणसी से चुनौती देने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेजबहादुर यादव का नामांकन खारिज हो गया था। इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। 

BSF personal tej bahadur reached supreme court against election commission to fight against PM Modi in Lok sabha election 2019

नई दिल्ली: ख्वाहिश थी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वाराणसी सीट से लोकसभा में चुनौती देने की। उम्मीद थी कि शायद इससे थोड़ा नाम हो जाएगा। लेकिन चुनाव आयोग ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 
लेकिन बीएसएफ से बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव ने अब भी हिम्मत नहीं हारी है। वह चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने अदालत से चुनाव आयोग द्वारा नामांकन रद्द करने के फैसले पर विचार करने की मांग की। 

चुनाव आयोग ने प्रमाण पत्र भरने में देरी करने की वजह से तेज बहादुर का नामांकन को रद्द कर दिया था। तेज बहादुर ने याचिका में कहा है कि 30 अप्रैल को आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया और शाम 6:15 बजे तक सबूत पेश करने के लिए कहा गया था, उसने सबूत भी पेश कर दिया।  इसके बावजूद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। 

लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी का इस मामले में कहना था कि तेज बहादुर ने दो नामांकन दिए थे कोई भी व्यक्ति जो केंद्र या राज्य में नौकरी कर रहा हो और उससे बर्खास्त किया गया हो तो उसे ऐसे मामलों में सर्टिफिकेट देना होता है। 

बर्खास्तगी के पांच साल के भीतर ऐसा करना जरुरी होता है। कानून के मुताबिक ऐसे सभी मामलों में उम्मीदवार के लिए सर्टिफिकेट जमा करना बाध्यकारी होता है। 

उन्होंने बताया कि इस सर्टिफिकेट में एक फॉर्मेट होता है जो चुनाव आयोग को देना होता है कि वह भ्रष्ट्राचार और अनुशासनहीनता के चलते बर्खास्त नही हुआ। हमने 11 बजे तक का मौका दिया लेकिन उन्होंने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया और उसके अभाव में उनका नामांकन रद्द कर दिया। 

तेज बहादुर पर आरोप है कि उन्होंने एक नामांकन-पत्र में तो इस बात का जिक्र किया था कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण सेना से बर्खास्त किया गया था, लेकिन दूसरे नामांकन में उन्होंने यह तथ्य छिपाने की कोशिश की।
 

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