पाक की स्वात घाटी ने कबूला इस्लाम से पहले था बौद्ध, तोड़ी गई प्रतिमा बन कर तैयार

First Published Jul 13, 2018, 9:37 AM IST
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स्वात घाटी में रहने वाले लोग आज भी मानते हैं कि इस्लाम के आने से पहले यह इलाका बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों का था। तालिबान ने उनकी ऐतिहासिक पहचान और संस्कृति को तहस नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी 


पाकिस्तान के स्वात में तालिबान द्वारा नष्ट कर दी गई महात्मा बुद्ध की प्रतिमा फिर पुराने स्वरूप में स्थापित किया गया है। स्थानीय लोगों ने मिलकर इस नष्ट हुई प्रतिमा को फिर से खड़ा किया है।

पाकिस्तान की स्वात घाटी इलाके में 7 वीं शताब्दी में पर्वत पर कमल आसन की मुद्रा में बुद्ध की प्रतिमा बनाई गई थी। इस प्रतिमा को 2007 में तालिबानियों ने अफगानिस्तान के बामियान बुद्ध की तर्ज पर डायनामाइट से उड़ा दिया था।

डायनामाइट से उड़ाने के बाद प्रतिमा को ज्यादा क्षति नहीं पहुंची थी। आतंकियों विस्फोट से सिर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। जबकि पैर और कंधे भी कुछ हद तक नष्ट हुए थे।

इस प्रतिमा को फिर से पुराने रुप में तैयार करने का काम साल 2012 में शुरू किया गया था। इटली सरकार ने इस प्रतिमा को बनाने के लिये 25 लाख यूरो यानी करीब 20 करोड़ रुपए दिये थे। प्रतिमा को फिर से पहले जैसा बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने भी मदद दी।

स्वात घाटी में रहने वाले लोग आज भी मानते हैं कि इस्लाम के आने से पहले यह इलाका बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों का था। तालिबान ने उनकी ऐतिहासिक पहचान और संस्कृति को तहस नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन वह सफल नहीं हो सके।

कुछ समय पहले तक तालिबान चरमपंथियों ने पूरे इलाके पर कब्जा कर कर लिया था। तालिबान ने स्वात घाटी में प्राचीन मूर्तियों को गैर इस्लामी बताकर उसे नष्ट कर दिया था। स्वात घाटी में चले हिंसा के कारण हजारों लोग मौत के घाट उतार दिया था। 
 

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