बजट सत्र आज से शुरू, राष्ट्रपति के भाषण के साथ ही पेश होगा आर्थिक सर्वे

Published : Jan 31, 2020, 10:11 AM IST
बजट सत्र आज से शुरू, राष्ट्रपति के भाषण के साथ ही पेश होगा आर्थिक सर्वे

सार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 को पेश करेंगी, जिसे मुख्य आर्थिक सलाहकार ने तैयार किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह 11 बजे संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। वह सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में अपना भाषण देंगे। बजट सत्र 3 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि इस बार बजट सत्र को दो भागों में बांटा गया है।

नई दिल्ली। आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी वहीं आज आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा। जिसमें देश की अर्थव्यवस्था की रिपोर्ट कार्ड होगा। फिलहाल केन्द्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर कई दिक्कतों का सामना कर रही है। लिहाजा इस बार का बजट काफी अहम है। देश की जीडीपी दर कम हो रही है और कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी भारत की विकास दर को नकारात्मक बताया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 को पेश करेंगी, जिसे मुख्य आर्थिक सलाहकार ने तैयार किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह 11 बजे संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। वह सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में अपना भाषण देंगे। बजट सत्र 3 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि इस बार बजट सत्र को दो भागों में बांटा गया है।

आज से शुरू होना वाला सत्र 10 फरवरी तक चलेगा और उसके बाद अवकाश होगा जबकि इसके बाद फिर ये 2 मार्च को फिर से शुरू होगा। और तीन अप्रैल तक चलेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2020 को शनिवार 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगी। वहीं आज आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया जाएगा। सर्वेक्षण के जरिए सरकार पिछले एक साल में अर्थव्यवस्था की स्थिति पेश करेगी।

गौरतलब है कि गुरुवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान, विपक्षी नेताओं ने सरकार से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शनों को लेकर कुछ ठोस कदम उठाने को कहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि केन्द्र सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। गुरुवार को बजट पूर्व बैठक में 26 दलों के नेताओं ने भाग लिया था। निर्मला सीतारमण अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। पिछले साल देश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वित्तमंत्री ने पहले बजट पेश किया था। क्योंकि चुनाव होने के कारण सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर सकी थी। जबकि पीयूष गोयल ने तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वोट ऑफ एकाउंट पेश किया था।

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