उपचुनावः गुजरात के जसदण में जीती भाजपा, विधायकों की संख्या 100 पहुंची

By Team MyNationFirst Published Dec 23, 2018, 3:04 PM IST
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जसदण में भाजपा प्रत्याशी कुंवरजी बावलिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अवसर नाकिया को 19,979 वोटों से शिकस्त दी। झारखंड के नक्सल प्रभावित कोलेबिरा में कांग्रेस आगे।

गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने जसदण विधानसभा उपचुनाव में आसानी से जीत दर्ज कर ली। इसी के साथ विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 100 पर पहुंच गई है। भाजपा प्रत्याशी कुंवरजी बावलिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अवसर नाकिया को 19,979 वोटों से शिकस्त दी। उधर, झारखंड में नक्सल प्रभावित कोलेबिरा में कांग्रेस प्रत्याशी नमन विक्सल 17 राउंड की गिनती के बाद आगे चल रहे हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जसदण से भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए क्षेत्र की जनता का आभार जताया है। 

I thank the people of Jasdan for blessing the BJP and supporting the Party's development agenda.

Congratulations to Kunvarjibhai Bavaliya for the victory.

Kudos to the team, CM and for their efforts.

— Narendra Modi (@narendramodi)

बावलिया राजकोट जिले की जसदण विधानसभा सीट को अपने पास रखने में कामयाब रहे। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर यहां से जीत हासिल की थी। इसी के साथ, 182 सदस्य वाली विधानसभा में भाजपा के 100 विधायक हो गए हैं, जबकि कांग्रेस का संख्या बल घटकर 76 रह गया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भगवा दल ने 99 सीटें जीतीं थीं और कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आई थीं। अधिकारियों ने बताया कि मतगणना के आखिर में बावलिया को कुल 90,262 वोट मिले जबकि नाकिया 70,283 मत हासिल कर पाए। 2,146 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

जसदण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के तहत 20 दिसंबर को वोट डाले गए थे और मतदान 71.27 प्रतिशत रहा था। यह उपचुनाव भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न था, क्योंकि भाजपा हाल में जहां तीन राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली हार से उबरने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस इन तीन राज्यों में मिली जीत से गदगद है।

प्रभावी कोली समुदाय के नेता बावलिया ने 2017 में जसदण सीट कांग्रेस के टिकट पर जीती थी, लेकिन बाद में वह कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस कारण इस सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था। बावलिया ने दो जुलाई को इस्तीफा दिया था और उन्हें उसी दिन भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था।
 

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